दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन में इन दिनों जबरदस्त बिकवाली देखने को मिल रही है. मंगलवार को यह करीब छह महीनों के निचले स्तर, यानी लगभग 90,000 डॉलर के पास ट्रेड करता नजर आया. गिरावट का आलम यह है कि बिटकॉइन ने 2025 की पूरी तेजी गंवा दी है और अक्टूबर में बने 1,26,000 डॉलर के रिकॉर्ड उच्च स्तर से करीब 30% लुढ़क चुका है. गिरावट के कारण बिटकॉइन का मार्केटकैप फिर से 2 ट्रिलियन डॉलर के नीचे आ गया है.
बिटकॉइन में गिरावट का सिलसिला जारी
गिओटस डॉट कॉम के सीईओ विक्रम सुब्बुराज ने कहा, बिटकॉइन में गिरावट का सिलसिला जारी है और इसने 2025 में हुई पूरी तेजी को खो दिया है. गिरावट का दबाव डेरिवेटिव्स से लेकर एक्सचेंज-ट्रेडेड प्रोडक्ट्स (ईटीएफ) पर देखा जा रहा है. इस कारण बिटकॉइन ईटीएफ में आउटफ्लो बढ़कर 815 मिलियन डॉलर पर पहुंच गया है, जिससे इस हफ्ते ईटीएफ आउटफ्लो 2 अरब डॉलर पर पहुंच गया है. सुब्बुराज ने आगे कहा कि मजबूत मैन्युफैक्चरिंग डेटा से दिसंबर में ब्याज दरों में कटौती की संभावना कम हो गई है, जिससे निवेशक सर्तक हो गए हैं और अमेरिका में शटडाउन समाप्त होने के बाद भी बिटकॉइन में बिकवाली बनी हुई है.
सोलाना में इस हफ्ते 20% से अधिक की गिरावट
बिटकॉइन में गिरावट से अन्य क्रिप्टोकरेंसी में भी गिरावट देखी जा रही है. इथेरियम 3,000 डॉलर से नीचे फिसल गया, सोलाना में इस हफ्ते 20% से अधिक की गिरावट आई और एक्सआरपी में 16% की गिरावट दर्ज की गई. कुल क्रिप्टो बाजार पूंजीकरण में साप्ताहिक आधार पर करीब 6% की गिरावट दर्ज की गई है. पीआई 42 के सीईओ और सह-संस्थापक अविनाश शेखर ने कहा, ईटीएफ आउटफ्लो, बड़े निवेशकों की शॉर्ट-पॉजिशन और कम होती लिक्विडिटी ने नियमित गिरावट को एक बड़ी गिरावट में बदल दिया है.
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