FY24-25 में भारत का कुल कोयला उत्पादन (Coal Production) एक अरब टन से अधिक हो चुका है. सरकार ने संसद को सूचित किया कि FY26-27 तक कोल इंडिया लिमिटेड, जो देश की सबसे बड़ी कोयला उत्पादक कंपनी है, के लिए एक अरब टन उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. राज्यसभा को एक लिखित उत्तर में केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री जी. किशन रेड्डी (G. Kishan Reddy) ने बताया कि कोल इंडिया लिमिटेड (Coal India Limited) ने FY24-25 में 78.10 करोड़ टन उत्पादन किया और FY26-27 के लिए एक अरब टन उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
हर वर्ष लगभग 6-7% की वृद्धि होने की संभावना- जी. किशन रेड्डी
केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री जी. किशन रेड्डी ने संसद में बताया कि देश में कोयले की अधिकांश मांग घरेलू उत्पादन से पूरी की जाती है. हालांकि, कोकिंग कोल और उच्च गुणवत्ता वाले नॉन-कोकिंग कोल जैसे कुछ विशेष प्रकार के कोयले का आयात आवश्यक है, क्योंकि इनका घरेलू स्तर पर भंडार सीमित या अनुपलब्ध है. उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले वर्षों में कोयले की मांग को स्वदेशी स्रोतों से पूरा करने और अनावश्यक आयात को घटाने के उद्देश्य से घरेलू उत्पादन में हर वर्ष लगभग 6-7% की वृद्धि होने की संभावना है, जिससे वर्ष 2029-30 तक उत्पादन बढ़कर करीब 1.5 अरब टन तक पहुंच सकता है.
घरेलू कोयला उत्पादन में इज़ाफा
वर्ष 2024-25 में देश में कुल घरेलू कोयला उत्पादन 104.76 करोड़ टन रहा, जबकि वर्ष 2023-2024 में यह 99.78 करोड़ टन था. इस प्रकार पिछले वित्त वर्ष में कोयला उत्पादन में लगभग 4.99% की वृद्धि हुई. केंद्रीय मंत्री ने कहा, सरकार ने घरेलू कोयला उत्पादन बढ़ाने और देश में कोयले के अनावश्यक आयात को समाप्त करने के लिए कई कदम उठाए हैं. शुरू की गई कुछ प्रमुख पहलों में सिंगल विंडो क्लिरेंस, खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम, 1957 में संशोधन करना हैं, जिससे कैप्टिव खदानों को अंतिम-उपयोग संयंत्रों की आवश्यकताओं को पूरा करने के बाद अपने वार्षिक उत्पादन का 50 प्रतिशत तक बेचने की अनुमति मिल सके.
कोयला उत्पादन में बढ़ोतरी के लिए सरकार का बड़ा कदम
वहीं, अन्य पहलों में एमडीओ मोड के माध्यम से उत्पादन, बड़े पैमाने पर उत्पादन टेक्नोलॉजी का उपयोग बढ़ाना, नई परियोजनाएं और मौजूदा परियोजनाओं का विस्तार और वाणिज्यिक खनन के लिए निजी कंपनियों और सार्वजनिक उपक्रमों को कोयला ब्लॉकों की नीलामी शामिल करना है. आर्थिक सुधारों के तहत, उत्पादन बढ़ाने के लिए वाणिज्यिक खनन में 100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की भी अनुमति दी गई है.