भारत में स्थानीय सोर्सिंग को तिगुना करेगा डेकाथलॉन, 2030 तक पैदा होंगे 3 लाख रोजगार

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
वैश्विक खेल रिटेल ब्रांड डेकाथलॉन ने भारत में मैन्युफैक्चरिंग को लेकर एक बड़ी घोषणा की है. कंपनी ने कहा है कि वह ‘मेक इन इंडिया’ अभियान को समर्थन देते हुए 2030 तक अपनी घरेलू सोर्सिंग को तीन गुना बढ़ाकर 3 अरब डॉलर तक पहुंचाएगी. डेकाथलॉन का लक्ष्य है कि अपने प्रोडक्शन इकोसिस्टम के माध्यम से 2030 तक 3 लाख से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर तैयार किए जाएं. यह जानकारी कंपनी द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में दी गई. डेकाथलॉन के अनुसार, यह फैसला भारत में उनके उत्पादन के 25 साल पूरे होने के अवसर पर लिया गया है और यह भारत में स्थानीय निर्माण और आपूर्ति श्रृंखला पर बढ़ते भरोसे को दर्शाता है.

2030 तक डेकाथलॉन की 90% घरेलू आपूर्ति का लक्ष्य

भारत वर्तमान में डेकाथलॉन के वैश्विक उत्पादों के 8% की आपूर्ति करता है. डेकाथलॉन अपने 132 भारतीय स्टोर्स के 70% से ज्यादा उत्पादों की घरेलू स्तर पर ही आपूर्ति करता है और 2030 तक इसे 90% तक बढ़ाने की योजना है. कंपनी ने मैन्युफैक्चरिंग नेटवर्क में 113 सुविधाएं, 83 आपूर्तिकर्ता, सात उत्पादन कार्यालय और एक डिजाइन केंद्र शामिल हैं. डेकाथलॉन इंडिया के सीईओ, शंकर चटर्जी के मुताबिक, स्थानीय निर्माण में हमारी गुणवत्ता और गति ने हमें खुदरा बिक्री बढ़ाने और अधिक मेड इन इंडिया रेंज पेश करने में मदद की है.

भारत बना डेकाथलॉन का उत्पादन केंद्र

हम उत्कृष्टता को प्राथमिकता देते हैं क्योंकि हम ओमनी-चैनल शॉपिंग में विस्तार कर रहे हैं और भारतीयों के लिए खेलों को अधिक सुलभ बना रहे हैं. डेकाथलॉन की ग्लोबल प्रोडक्शन प्रमुख फ्रेडरिक मर्लेवेडे ने कहा कि भारत हमारे विश्वव्यापी उत्पादन का आधार बन गया है. डेकाथलॉन 2030 तक 90 से अधिक भारतीय शहरों में उत्पादन और खुदरा व्यापार को एकीकृत करना चाहता है. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में सपोर्ट्स गुड्स के घरेलू निर्माण को बढ़ावा देने के लिए खेलो भारत नीति 2025 को मंजूरी दी है. भारत अब अपने खेल उत्पादों का 60% निर्यात करता है. हालांकि, वैश्विक खेल उद्योग सालाना लगभग 600 अरब डॉलर का है, लेकिन भारत का वर्तमान हिस्सा मामूली है. ऐसे में इस नीति से देश के सपोर्ट निर्यात को भी बढ़ावा मिलेगा.

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