संसद में मंगलवार को दी गई जानकारी के अनुसार, भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम निरंतर गति से आगे बढ़ रहा है. इस वर्ष 31 अक्टूबर तक स्टार्टअप इंडिया पहल के तहत उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) द्वारा कुल 1,97,692 स्टार्टअप्स को मान्यता दी गई है. स्टार्टअप इंडिया पहल 2016 में शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य स्टार्टअप संस्कृति को प्रोत्साहित करना और भारत में इनोवेशन व उद्यमिता के लिए एक मजबूत एवं समावेशी इकोसिस्टम का निर्माण करना है.
रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण योगदान
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि मान्यता प्राप्त स्टार्टअप्स ने इस वर्ष 31 अक्टूबर तक 21.11 लाख करोड़ प्रत्यक्ष नौकरियों का सृजन किया. डीपीआईआईटी की ओर से महाराष्ट्र में 34,444 एंटिटी को स्टार्टअप के रूप में मान्यता मिली और इन्होंने 3.76 लाख से प्रत्यक्ष नौकरियों का सृजन किया. स्टार्टअप इंडिया पहल के तहत सरकार के प्रयासों ने भारत में स्टार्टअप की संख्या को बढ़ाने और रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण योगदान दिया है.
देश के हर राज्य में है स्टार्टअप की मौजूदगी
इसके अलावा, भारत में कुल मान्यता प्राप्त स्टार्टअप में कम से कम एक महिला डायरेक्टर/ पार्टनर होने की जानकारी दी गई. इसके अलावा, मान्यता प्राप्त स्टार्टअप की मौजूदगी देश के हर राज्य और केंद्र शासित में है. केंद्र के अनुसार, स्टार्टअप इंडिया पहल के तहत सरकार तीन फ्लैगशिप स्कीम को भी लागू कर रही है. हर सेक्टर के स्टार्टअप्स को उनके व्यवसाय चक्र के विभिन्न चरणों में फंडिंग और समर्थन प्रदान करने के लिए ये योजनाएँ लागू की जा रही हैं. इनमें फंड ऑफ फंड फॉर स्टार्टअप्स (FFS), स्टार्टअप इंडिया सीड फंड स्कीम (SISFS) और क्रेडिट गारंटी स्कीम फॉर स्टार्टअप्स (CGSS) शामिल हैं.
10,000 करोड़ रुपए का फंड किया गया प्रदान
संसद में दी गई जानकारी के अनुसार, एफएफएस के तहत 31 अक्टूबर तक 144 अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड (AIF) को 10,000 करोड़ रुपए का फंड प्रदान किया गया है. SISFS के अंतर्गत 219 इनक्यूबेटर्स को 945 करोड़ रुपए का फंड मंजूर किया गया है, जबकि CGSS के तहत स्टार्टअप उधारकर्ताओं के लिए 311 लोन की 755.25 करोड़ रुपए की गारंटी दी गई है.

