भारत में खुदरा महंगाई (Inflation Rate) दर बीते 11 वर्षों में 5% के आसपास रही है. लेकिन, हाल के महीनों में इसमें तेज गिरावट दर्ज की गई और जून 2025 में यह गिरकर 2.1% पर आ गई है. वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, पीएम मोदी के कार्यकाल में औसत महंगाई दर 5.1% रही है, जो कि यूपीए के कार्यकाल में 8.1% थी. आधिकारिक डेटा के अनुसार, कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए के कार्यकाल में जनवरी 2012 से लेकर अप्रैल 2014 तक के 28 महीनों में से 22 महीनों में महंगाई दर 9% से अधिक रही थी.
यूपीए के कार्यकाल में देश में औसत 9.8% रही थी खुदरा महंगाई दर
यूपीए के कार्यकाल के आखिरी तीन वर्षों में देश में खुदरा महंगाई दर औसत 9.8% रही थी, जबकि उस समय वैश्विक स्तर पर महंगाई 4-5% के बीच थी. वहीं, पीएम मोदी के नेतृत्व में ज्यादा समय खुदरा महंगाई दर 5% से कम रही है और कभी भी महंगाई ने 8% से ऊपर का स्तर पार नहीं किया है. खुदरा महंगाई दर जून 2025 में घटकर 2.1% हो गई है. इसमें पिछले महीने के मुकाबले 0.72% की कमी दर्ज की गई है. मई में यह 2.82% थी.
जून 2025 में रिकॉर्ड की गई खुदरा महंगाई दर जनवरी 2019 के बाद रिटेल मुद्रास्फीति का सबसे न्यूनतम आंकड़ा है. मंत्रालय के डेटा के मुताबिक, बीते महीने में ग्रामीण स्तर पर खुदरा महंगाई दर 1.72% रही है, जबकि शहरी स्तर पर खुदरा महंगाई दर 2.56% रही है. इस महीने के दौरान महंगाई में मजबूत गिरावट मुख्य रूप से सब्जियों, दालों, मांस और मसालों की कीमतों में गिरावट के कारण हुई है.
FY25-26 के लिए CPI दर अब 3.7% रहने का अनुमान
इस बीच, रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने हाल ही में कहा कि आरबीआई ने 2025-26 के लिए अपने महंगाई दर अनुमान को भी 4% के पूर्व अनुमान से घटाकर 3.7% कर दिया है. FY25-26 के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) महंगाई दर अब 3.7% रहने का अनुमान है, जिसमें महंगाई दर पहली तिमाही में 2.9%, दूसरी तिमाही में 3.4%, तीसरी तिमाही में 3.9% और चौथी तिमाही में 4.4% रहने का अनुमान है.