केंद्र सरकार के शनिवार को जारी बयान के मुताबिक, इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट फंड (ईडीएफ) देश में इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी सेक्टर से जुड़े नवाचार और उद्यमिता को प्रोत्साहित करने में अहम योगदान दे रहा है. आधिकारिक डेटा बताता है कि 30 सितंबर 2025 तक ईडीएफ ने आठ डॉटर फंड्स में 257.77 करोड़ रुपये का निवेश किया है. साथ ही, इन डॉटर फंड्स ने 128 स्टार्टअप्स और वेंचर्स में कुल 1,335.77 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश भी किया है.
23,600 से अधिक रोजगार के अवसर पैदा
केंद्र सरकार की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, सपोर्टेड स्टार्टअप्स ने हाई-टेक्नोलॉजी सेक्टर में 23,600 से अधिक रोजगार के अवसर पैदा किए और इन स्टार्टअप्स द्वारा कुल 368 बौद्धिक संपदा (आईपी) अर्जिक की गई हैं. ईडीएफ से निकासी और आंशिक निकासी से 173.88 करोड़ रुपए का कुल रिटर्न मिला है. ईडीएफ एक फ्लेक्सिबल और प्रोफेशनली मैनेज्ड स्ट्रक्चर से ऑपरेट होता है, जिसे इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी सेक्टर में एफिशिएंट इन्वेस्टमेंट और इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए डिजाइन किया गया है.
देश एडवांस्ड टेक्नोलॉजिकल इनोवेशन हब के रूप में हो रहा मजबूत
इसका ढांचा पारदर्शिता, बाजार आधारित जवाबदेही और फंड के रणनीतिक उपयोग को सुनिश्चित करता है. उपलब्धियों और प्रभावों की बात करें तो ईडीएफ ने अब तक अपने योगदानकर्ताओं से कुल 216.33 करोड़ रुपये जुटाए हैं, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा दिए गए 210.33 करोड़ रुपये भी शामिल हैं. साथ ही, ईडीएफ द्वारा समर्थित स्टार्टअप्स इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT), रोबोटिक्स, ड्रोन, ऑटोनॉमस वाहन, हेल्थटेक, साइबर सुरक्षा, तथा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग जैसे फ्रंटियर टेक्नोलॉजी क्षेत्रों में काम कर रहे हैं, जिससे देश एक उभरते हुए एडवांस्ड टेक्नोलॉजिकल इनोवेशन हब के रूप में और मजबूत हो रहा है.
उद्योग में बड़े स्तर पर सहयोग
ईडीएफ की मुख्य विशेषताओं पर नजर डालें तो यह नॉन-एक्सक्लूसिव आधार पर डॉटर फंड्स में भाग लेता है, जिससे पूरे उद्योग में बड़े स्तर पर सहयोग और भागीदारी संभव होती है. इसके अतिरिक्त, डॉटर फंड के कुल कोष में ईडीएफ की हिस्सेदारी बाजार की जरूरतों और फंड को प्रबंधित करने में निवेश प्रबंधक की क्षमता के आधार पर, साथ ही ईडीएफ की नीति दिशानिर्देशों के अनुरूप तय की जाती है. ईडीएफ जानबूझकर हर डॉटर फंड में अल्पमत हिस्सेदारी रखता है, ताकि निजी क्षेत्र के निवेश को अधिक बढ़ावा मिले और प्रोफेशनल फंड मैनेजमेंट को प्रोत्साहन मिल सके.

