Trump Tarrif: लंबे समय तक टैरिफ वॉर में फंसे देशों को अब अमेरिका ने राहत देना शुरू कर दिया है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फल, बीफ, कॉफी समेत 200 चीजों पर टैरिफ हटाने का ऐलान किया है. उनके इस फैसले की ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वोंग ने स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि इस फैसले के बाद जनता को महंगाई से राहत मिलेगी.
ऑस्ट्रेलियाई उत्पादकों के लिए एक स्पष्ट जीत बताया (Trump Tarrif)
ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री पेनी वोंग ने इस कदम को ऑस्ट्रेलियाई उत्पादकों के लिए एक स्पष्ट जीत बताया है. एबीसी टेलीविजन से बातचीत के दौरान वोंग ने कहा कि बीफ सहित 200 से अधिक खाद्य उत्पादों पर अमेरिकी शुल्क हटाने से ऑस्ट्रेलियाई निर्यातकों और बढ़ती किराना कीमतों का सामना कर रहे अमेरिकी उपभोक्ताओं, दोनों को लाभ होगा. उन्होंने कहा, “हम इन शुल्कों को हटाने का स्वागत करते हैं. यह ऑस्ट्रेलियाई बीफ उत्पादकों के लिए अच्छी बात है. टैरिफ हटाना खुले बाजारों के महत्व को दर्शाता है. इससे दोनों पक्षों के उपभोक्ताओं और उत्पादकों दोनों को लाभ होगा.”
स्टील और एल्युमिनियम पर भी शुल्क हटा सकते हैं ट्रंप
2024 में ऑस्ट्रेलिया अमेरिका का सबसे बड़ा रेड मीट आपूर्तिकर्ता बना. ट्रंप के इस फैसले के बाद से यह भी कयास लगाए जा रहे थे कि वह स्टील और एल्युमिनियम पर भी शुल्क हटा सकते हैं, हालांकि ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री ने इन कयासों से इनकार किया है. अमेरिका ने टैरिफ हटाने का ये फैसला इक्वाडोर, ग्वाटेमाला, अल सल्वाडोर और अर्जेंटीना के साथ कृषि आयात करों को कम करने के समझौते के तुरंत बाद आया है. ट्रंप का यह फैसला महंगाई को नियंत्रित करने और आम जनता को राहत देने के उद्देश्य से किया है. इससे भारत को भी फायदा होने वाला है. व्हाइट हाउस ने शुक्रवार को घोषणा की कि उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों के फल और जूस, चाय और मसाले उन आयातों में शामिल हैं, जिन पर पारस्परिक शुल्क नहीं लगेगा. व्हाइट हाउस फैक्टशीट में कॉफी और चाय, कोको, संतरे, टमाटर और बीफ का भी जिक्र किया गया.
भारत से आयात पर 25 प्रतिशत पारस्परिक शुल्क लगाया था
ट्रंप ने भारत से आयात पर 25 प्रतिशत पारस्परिक शुल्क लगाया था. इसके अलावा रूस से तेल खरीदने से नाराज अमेरिकी राष्ट्रपति ने 25 प्रतिशत का दंडात्मक शुल्क भारत पर लगा दिया था. ट्रंप ने 200 वस्तुओं पर टैरिफ हटाने के निर्णय से पहले जेनेरिक दवाओं से टैरिफ हटा दिया था. ट्रंप के इस फैसले से भारत को काफी लाभ पहुंचा. भारत अमेरिका में निर्धारित 47 प्रतिशत जेनेरिक दवाओं की आपूर्ति करता है.

