महान स्वतंत्रता सेनानी और जनजातीय गौरव ‘धरती आबा’ भगवान बिरसा मुंडा जी की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में विकास भारती बिशुनपुर द्वारा एक अत्यंत भव्य और प्रेरणादायक झांकी एवं रैली का आयोजन किया गया. इस झांकी में भगवान बिरसा मुंडा के जन्म से लेकर उनके संघर्ष और बलिदान तक के महत्वपूर्ण पहलुओं को जीवंत रूप में दर्शाया गया. झांकी के एक हिस्से में उनके साधारण ग्रामीण जीवन और प्रारंभिक शिक्षा को चित्रांकित किया गया.
सबसे प्रभावशाली रही “उलगुलान विद्रोह”पर आधारित झांकी
“उलगुलान विद्रोह”पर आधारित झांकी सबसे प्रभावशाली रही, जिसमें आदिवासी भाई बहनों ने अपने पारंपरिक वेशभूषा में ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ संघर्ष और नेतृत्व करते बिरसा मुंडा के संघर्ष को जीवंत प्रदर्शित किया. झांकी में शामिल कलाकारों ने पारंपरिक वेशभूषा और लोक नृत्यों के माध्यम से जनजातीय संस्कृति की समृद्धता और जीवंतता का प्रदर्शन किया. साथ ही झांकी में अन्धविश्वास, पारम्परिक एवं आधुनिक शिक्षा, व्यवसायिक, पारम्परिक क़ृषि, आईएफएस मॉडल में जनजातियों द्वारा सांस्कृतिक नृत्य प्रदर्शन का आयोजन किया गया.
युवाओं को दिया गया स्वदेशी, स्वावलंबन व स्वधर्म का संदेश
इस अवसर पर स्वदेशी, स्वावलंबन व स्वधर्म का एक संदेश भी युवाओं को दिया गया. यह आयोजन बिशुनपुर में जतरा टाना भगत विद्या मंदिर से लेकर भगवान बिरसा बाग तक चलायमान रही, जिसमें हज़ारों युवक शामिल हुएं. विकास भारती बिशुनपुर के द्वारा यह आयोजन केवल एक श्रद्धांजलि ही नहीं अपितु भगवान बिरसा मुंडा जी द्वारा दिखाए गए सामाजिक समरसता और सशक्तिकरण के मार्ग पर चलने की एक प्रतिबद्धता है. यह भव्य झांकी और रैली भगवान बिरसा मुंड़ा जी की 150वीं जयंती को एक यादगार अवसर बनाने में सफल रही, जिसने पूरे क्षेत्र में राष्ट्रीय चेतना और जनजातीय गौरव का एक सशक्त संदेश दिया.
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