हाल ही में केंद्र सरकार ने नया लेबर कोड लागू किया है, जिसे भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (FICCI) के अध्यक्ष अनंत गोयनका ने एक महत्वपूर्ण बदलाव और गेम चेंजर करार दिया है. गोयनका ने बताया कि नए श्रम कानूनों से उद्योगों और कर्मचारियों दोनों को कई तरह के फायदे मिलेंगे. इनमें सरल और सुगम अनुपालन, श्रमिकों के आवागमन में आसानी, बेहतर सुरक्षा एवं संरक्षण, उन्नत सेवानिवृत्ति लाभ, और महिलाओं को नाइट शिफ्ट में काम करने की अनुमति जैसे महत्वपूर्ण प्रावधान शामिल हैं.
श्रमिकों के लिए एक परिवर्तनकारी सुधार
आरपीजी समूह के उपाध्यक्ष और फिक्की के अध्यक्ष अनंत गोयनका के अनुसार, 29 मौजूदा कानूनों को मिलाकर करते हुए 4 श्रम संहिताओं को लागू करना भारतीय उद्योग और श्रमिकों के लिए एक परिवर्तनकारी सुधार का प्रतिनिधित्व करता है. एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि इससे व्यवसायों को बहुत लाभ होगा. यह व्यापार करने में आसानी का सरलीकरण है और एक महत्वपूर्ण कदम है, साथ ही आगे की राह पर भी स्पष्टता प्रदान करता है.
सफल होने के लिए कड़ी करनी होगी मेहनत
इन्फोसिस के फाउंडर नारायण मूर्ति द्वारा चीन के 9-9-6 मॉडल की तरह काम के घंटे बढ़ाने की वकालत से शुरू हुई. इस बहस पर गोयनका ने संतुलित रुख अपनाया. कहा कि मुझे लगता है कि सफल होने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी, लंबे समय तक काम करना होगा और बहुत प्रयास करना होगा. हालांकि, मुझे लगता है कि जीवन में एक संतुलन होता है, और मुझे लगता है कि कॉर्पोरेट्स को भी इसका सम्मान करना चाहिए.
व्यावसायिक सफलता प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत की होती है आवश्यकता
उन्होंने आगे कहा कि यह निर्णय अंततः व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा पर निर्भर करता है, साथ ही उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि व्यावसायिक सफलता प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत की आवश्यकता होती है. इनकम टैक्स, जीएसटी और श्रम कानूनों में हाल के सुधारों की प्रशंसा करते हुए गोयनका ने कहा कि श्रम सुधारों पर प्रगति हुई है, लेकिन इन महत्वपूर्ण क्षेत्रों में और अधिक काम करने की आवश्यकता है. गोयनका ने कहा, हमारा मानना है कि ऊर्जा और भूमि सुधार पर और अधिक काम किया जा सकता है, और हम इस मोर्चे पर सरकार के साथ काम करने के लिए उत्सुक हैं.

