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The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
कॉरपोरेट बॉन्डों में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) का निवेश 2024-25 में 11.4% बढ़ा. भारतीय रिजर्व बैंक की सालाना रिपोर्ट के अनुसार, यह 2023-24 के 1.08 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2024-25 में 1.21 लाख करोड़ रुपये हो गया. रिपोर्ट के मुताबिक स्वीकृत निवेश सीमा में से मार्च 2025 के अंत तक केवल 15.8% का इस्तेमाल हुआ, जो एक साल पहले 16.2% था. इसका मुख्य कारण एफपीआई के लिए पूर्ण निवेश सीमा बढ़ा दिया जाना है.
साल के दौरान 9.9 लाख करोड़ रुपये के प्राथमिक कॉरपोरेट बॉन्ड जारी किए गए, जो 2023-24 के 8.6 लाख करोड़ रुपये से 16.1% अधिक हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि आउटस्टैंडिंग कॉरपोरेट बॉन्ड (दिसंबर के अंत तक) भी 13.3% बढ़कर 51.6 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गए, जो पिछले वर्ष 45.5 लाख करोड़ रुपये रुपये थे. वित्त वर्ष के दौरान देसी स्टॉक एक्सचेंजों में सूचीबद्ध कॉरपोरेट बॉन्ड के प्राथमिक निर्गमों में वृद्धि हुई और विदेशी बाजारों के माध्यम से जुटाए गए धन में भी वृद्धि हुई है.
निर्गम के मामले में प्राइवेट प्लेसमेंट को तरजीह मिलती रही। देसी बॉन्ड बाजार में जुटाई गई कुल रकम में 99.2% इसी के जरिये आई. रिपोर्ट में खास तौर पर बताया गया कि 2024-25 में द्वितीयक बाजार में औसत दैनिक कारोबार 7,645 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो इसके पहले के वित्त वर्ष में 5,722 करोड़ रुपये ही था. सरकारी बॉन्डों की यील्ड की तरह कॉरपोरेट बॉन्ड की यील्ड भी वित्त वर्ष 2024-25 में कम हो गई. मार्च 2024 की तुलना में मार्च 2025 में सार्वजनिक उपक्रमों, वित्तीय संस्थानों और बैंकों के एएए रेटिंग वाले 3 साल के बॉन्ड की यील्ड 15 आधार अंक घट गई. गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) की यील्ड 28 आधार अंक और कंपनियों के बॉन्ड की यील्ड 33 आधार अंक घटी है.