कोयला मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी एक बयान में कहा गया कि GST 2.0 सुधारों के तहत कोयला क्षेत्र के टैक्स ढांचे में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं. इन बदलावों से जीवाश्म ईंधन के उत्पादकों और उपभोक्ताओं दोनों को लाभ होगा. 56वीं GST परिषद बैठक में लिए गए प्रमुख निर्णयों के अनुसार, कोयले पर पहले लागू ₹400 प्रति टन का क्षतिपूर्ति उपकर अब समाप्त कर दिया गया है. वहीं, कोयले पर जीएसटी दर को 5% से बढ़ाकर 18% कर दिया गया है.
मंत्रालय के अनुसार, कोयला मूल्य निर्धारण और बिजली क्षेत्र पर नए सुधार का प्रभाव कुल टैक्स भार में कमी के रूप में सामने आया है, क्योंकि जी6 से जी17 कोल ग्रेड्स में 13.40 रुपए प्रति टन से लेकर 329.61 रुपए प्रति टन तक की कमी देखी गई है. बिजली क्षेत्र के लिए औसत कमी लगभग 260 प्रति टन है, जो उत्पादन लागत में 17-18 पैसे प्रति किलोवाट घंटा की कमी दर्शाती है. कोल ग्रेड्स में टैक्स भार को रेशनलाइज करने से न्यायसंगत व्यवहार सुनिश्चित होता है.
मंत्रालय ने उदाहरण देते हुए बताया कि कोल इंडिया लिमिटेड द्वारा सबसे अधिक मात्रा में उत्पादित जी-11 नॉन-कोकिंग कोयले पर कर भार 65.85% था, जबकि जी2 कोयले पर यह 35.64% था. उपकर हटाने के साथ अब सभी कैटेगरी पर कर भार एक समान 39.81% हो गया है. मंत्रालय ने जानकारी देते हुए बताया कि इन सुधारों के तहत इंवर्टेड ड्यूटी विसंगति भी दूर हो गई है. पहले, कोयले पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगता था, जबकि कोयला कंपनियों द्वारा उपयोग की जाने वाली इनपुट सेवाओं पर उच्च जीएसटी दर 18% लागू होती थी.
इस असमानता के कारण, कोयला कंपनियों की लोअर आउटपुट जीएसटी देयता के कारण, उनके खातों में अप्रयुक्त टैक्स क्रेडिट का भारी संचय हो गया. रिफंड का प्रावधान न होने के कारण, कंपनियों के पास जीएसटी क्रेडिट की राशि लगातार बढ़ती रही, जिससे मूल्यवान धनराशि ब्लॉक हो गई. अब, GST 2.0 के तहत, यह अप्रयुक्त राशि आगामी वर्षों में जीएसटी देनदारी के भुगतान के लिए उपयोग की जा सकेगी.
इससे न केवल ब्लॉक्ड लिक्विडिटी मुक्त होगी, बल्कि कोयला कंपनियों को अप्रयुक्त इनपुट टैक्स क्रेडिट के संचय से होने वाले नुकसान में भी कमी आएगी और उनकी वित्तीय स्थिरता में सुधार होगा. कोयला मंत्रालय ने कहा कि जीएसटी सुधार न केवल आत्मनिर्भर भारत की दिशा को मजबूत करेगा, बल्कि उत्पादकों को समर्थन, उपभोक्ताओं को राहत और कोयला क्षेत्र पर समग्र रूप से सकारात्मक प्रभाव डालेगा.