सरकार ने गुरुवार को कहा कि अब अधिकांश डेयरी उत्पादों पर या तो जीएसटी पूरी तरह हटा दी गई है या इसे घटाकर सिर्फ 5% कर दिया गया है, जिससे 19 लाख करोड़ रुपये के इस विशाल उद्योग में मांग और तेज़ी से बढ़ सकती है.
मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के अनुसार, हाल ही में हुई 56वीं जीएसटी परिषद की बैठक में दूध और उससे जुड़े उत्पादों पर विस्तृत कर-सुधार (tax rationalization) को मंजूरी दी गई है.
बयान में कहा गया है:
“ये बदलाव डेयरी सेक्टर में अब तक के सबसे व्यापक GST सुधारों में से एक हैं, जिससे यह सुनिश्चित किया गया है कि अब ज़्यादातर दूध उत्पाद या तो पूरी तरह कर-मुक्त (Zero GST) होंगे या उन पर केवल 5% GST लगेगा.”
22 सितंबर 2025 से लागू होने वाले प्रमुख बदलाव:
-
UHT दूध (अल्ट्रा हाई टेम्परेचर दूध):
GST दर 5% से घटाकर 0% कर दी गई है. -
पैक और लेबल वाला पनीर/छेना:
अब शून्य कर लगेगा (पहले 5%). -
मक्खन, घी, डेयरी स्प्रेड, गाढ़ा दूध, दूध आधारित पेय पदार्थ:
इन पर अब 12% के बजाय 5% GST लगेगा. -
आइसक्रीम:
पहले 18% GST था, अब सिर्फ 5% लगेगा. -
दूध के डिब्बे (टिन/पैक्ड मिल्क कैन):
अब इन पर 12% की बजाय 5% GST लागू होगा.
इन फैसलों से डेयरी उत्पाद उपभोक्ताओं को सीधे लाभ मिलेगा. साथ ही, पूरे डेयरी सेक्टर में मांग बढ़ने की उम्मीद है, जिससे उद्योग को भी मजबूती मिलेगी. छोटे डेयरी व्यवसाय, डेयरी किसान और प्रोसेसिंग यूनिट्स को इससे काफ़ी राहत मिल सकती है.
मंत्रालय ने कहा, “इस महत्वपूर्ण कर-युक्तिकरण से डेयरी क्षेत्र को बढ़ावा मिलने और किसानों और उपभोक्ताओं, दोनों को लाभ मिलने की उम्मीद है, जिससे देश के समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान मिलेगा.” इस सुधार से 8 करोड़ से ज़्यादा ग्रामीण किसान परिवारों, खासकर छोटे, सीमांत और भूमिहीन मज़दूरों को, जो अपनी आजीविका के लिए दुधारू पशुओं का पालन-पोषण करते हैं, सीधे तौर पर लाभ होगा. मंत्रालय ने कहा कि कम कराधान से परिचालन लागत कम करने और मिलावट पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी.
भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है, जिसका 2023-24 में उत्पादन 23.9 करोड़ टन होगा, जो वैश्विक दूध उत्पादन का लगभग 24 प्रतिशत है. भारतीय डेयरी क्षेत्र का कुल बाजार आकार 2024 में 18.98 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है.
मंत्रालय ने कहा, “ये हालिया जीएसटी सुधार इस क्षेत्र की उत्पादकता और प्रतिस्पर्धात्मकता को और बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएँगे, साथ ही स्थायी आजीविका भी सुनिश्चित करेंगे.”