विशेषज्ञों के अनुसार, जीवन और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर जीएसटी को रेशनलाइज करने से इस क्षेत्र में अफोर्डेबिलिटी में सुधार होगा और बीमा सेवाओं की पहुंच बढ़ेगी. इस कदम के तहत 12% स्लैब को 5% में और 28% स्लैब को 18% में समाहित किया गया है. खास बात यह है कि स्वास्थ्य और जीवन बीमा अब शून्य कर श्रेणी में आ गए हैं, जबकि पहले उन पर 18% जीएसटी लगता था. यह व्यापक जीएसटी सुधार का हिस्सा है, जो त्योहारी सीजन से पहले उपभोग को बढ़ावा देगा.
बीमा कंपनियों की वित्तीय स्थिति और बाजार पर प्रभाव
आईसीआरए की रिपोर्ट के अनुसार, बीमा पॉलिसीधारकों को कम प्रीमियम का फायदा मिलेगा, लेकिन बीमा कंपनियों को इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) की कमी के कारण अल्पकालिक वित्तीय नुकसान हो सकता है. विशेष रूप से जीवन बीमा में मार्जिन घटने की संभावना है. वहीं, रिटेल हेल्थ सेगमेंट के प्रीमियम में कमी होगी, जिससे बिक्री बढ़ने की उम्मीद है, लेकिन स्टैंडअलोन स्वास्थ्य बीमा कंपनियों की लाभप्रदता पर दबाव पड़ सकता है. FY25 में रिटेल हेल्थ सेक्टर ने कुल ग्रॉस डायरेक्ट प्रीमियम इनकम (GDPI) में 16% योगदान दिया था.
शून्य दर से मरीजों की अफोर्डेबिलिटी और पहुंच में होगी वृद्धि
आईसीआरए लिमिटेड के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और ग्रुप हेड (कॉर्पोरेट सेक्टर रेटिंग्स) जितिन मक्कड़ (Jitin Makkar) ने कहा, स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर शून्य दर से मरीजों की अफोर्डेबिलिटी और पहुंच में वृद्धि होगी. जैसे-जैसे स्वास्थ्य बीमा की पहुंच में सुधार होगा, इसका लाभ अस्पताल क्षेत्र को मिलेगा, जहां पिछले कुछ वर्षों में बीमा की बढ़ती पहुंच के कारण मांग में पहले से ही वृद्धि देखी जा रही है. उन्होंने आगे कहा कि दीर्घावधि में, यह कदम स्वास्थ्य सेवा को अधिक समावेशी और किफायती बनाने के सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप है.
भारत की वित्तीय सुरक्षा को करेगा मजबूत
विशेषज्ञों ने कहा कि यह कदम जीवन सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवा कवरेज को, विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों के लिए, अधिक किफायती बनाएगा, साथ ही बीमा उत्पादों को व्यापक रूप से अपनाने को प्रोत्साहित करेगा और भारत की वित्तीय सुरक्षा को मजबूत करेगा.
रिन्यूबाय के सीईओ और सह-संस्थापक बालाचंदर शेखर ने कहा, टर्म लाइफ, यूएलआईपी या एंडोमेंट पॉलिसी सहित सभी व्यक्तिगत जीवन बीमा पॉलिसियों पर जीएसटी से खासकर पहली बार बीमा खरीदने वालों और मध्यम आय वाले परिवारों के बीच छूट मिलने से बीमा की पहुंच बढ़ेगी.
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