हीरे-ज्वेलरी सेक्टर को बड़ी राहत, GST सुधारों से बढ़ेगी घरेलू मांग और निर्यात को मिलेगी मजबूती

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

जेम एंड ज्वेलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (GJEPC) ने शुक्रवार को कहा कि हाल ही में किए गए जीएसटी सुधारों से भारत के हीरा और आभूषण उद्योग को बड़ी राहत मिली है. सरकार ने डायमंड इम्प्रेस्ट ऑथराइजेशन स्कीम (DIAS) के तहत 25 सेंट तक के प्राकृतिक कट और पॉलिश्ड हीरों के आयात को अब इंटीग्रेटेड जीएसटी (IGST) से छूट दी है, जो पहले 18% था.

यह निर्णय छोटे हीरों की प्रोसेसिंग से जुड़े मैन्युफैक्चरर्स और निर्यातकों को कार्यशील पूंजी के दबाव से राहत देगा और उद्योग की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाएगा. साथ ही, सरकार ने ज्वेलरी बॉक्स पर लगने वाले जीएसटी को 12% से घटाकर अब 5% कर दिया है. इससे न केवल खुदरा विक्रेताओं और निर्यातकों की लागत में कमी आएगी, बल्कि उपभोक्ताओं के लिए गिफ्टिंग और पैकेजिंग भी अधिक किफायती हो जाएगी.

इन सुधारों से जहां एक ओर निर्यात को बढ़ावा मिलेगा, वहीं घरेलू बाजार में भी आभूषण उद्योग को नई गति मिलेगी.

GJEPC के चेयरमैन किरीट भानसाली (Kirit Bhansali) ने कहा कि यह कदम घरेलू मांग को प्रोत्साहित करेगा और वैश्विक चुनौतियों से जूझ रही निर्यात आपूर्ति श्रृंखला को सहारा देगा. उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि ज्वेलरी बॉक्स पर कम हुई लागत का लाभ पारदर्शी रूप से भारतीय उपभोक्ताओं तक पहुंचाया जाएगा, जिससे भरोसा और उद्योग की दीर्घकालिक वृद्धि मजबूत होगी.

उन्होंने आगे कहा कि हैंडीक्राफ्ट, लेदर गुड्स और पैकेजिंग जैसे संबद्ध क्षेत्रों में जीएसटी में कमी से भारत के हीरे और ज्वेलरी इकोसिस्टम को और मजबूती मिलेगी. परिचालन लागत घटने और प्रतिस्पर्धा बढ़ने से भारत हीरा प्रोसेसिंग, ज्वेलरी डिजाइन और निर्यात का वैश्विक हब बने रहने की दिशा में और मजबूत होगा.

काउंसिल को भरोसा है कि ये सुधार व्यापक लाभ देंगे, जिससे घरेलू विकास और निर्यात दोनों को गति मिलेगी.

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