मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय नियोक्ता 2026 की पहली तिमाही में मजबूत भर्ती वातावरण की उम्मीद कर रहे हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनियाँ आने वाले समय में स्किल, टेक्नोलॉजी और टैलेंट पर तेजी से निवेश बढ़ाएंगी. मैनपावरग्रुप इंडिया द्वारा अक्टूबर में किए गए सर्वे में देशभर के 3,051 नियोक्ताओं की राय शामिल की गई, जिसके अनुसार नेट एम्प्लॉयमेंट आउटलक 52% दर्ज किया गया. यह आंकड़ा भर्ती के वॉल्यूम से अधिक क्वालिटी पर बढ़ते फोकस को दर्शाता है. मैनपावरग्रुप इंडिया और मिडल ईस्ट के मैनेजिंग डायरेक्टर संदीप गुलाटी ने कहा, भारत का हायरिंग आउटलुक न केवल मजबूत बना हुआ है बल्कि आर्थिक विश्वास और क्षमता निर्माण के एक नए चरण की ओर इशारा भी कर रहा है.
यह ट्रेंड भारत का वॉल्यूम लेड हायरिंग से वैल्यू क्रिएशन की ओर एक महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाता है. संगठन स्किल, टेक्नोलॉजी और टैलेंट आर्किटेक्चर में निवेश कर रहे हैं, जो अगले दशक में उनकी प्रतिस्पर्धा करने की क्षमता को परिभाषित करेगा. गुलाटी ने कहा, रिपोर्ट में फाइनेंस, प्रोफेशनल सर्विसेज, मैन्युफैक्चरिंग, रियल एस्टेट जैसे सेक्टर में मांग की जानकारी दी गई है, जो दिखाता है कि नियोक्ता अधिक डिजिटल, रेगुलेटेड और इनोवेशन-ड्रिवन इकोनॉमी के लिए सक्रिय रूप से तैयार हो रहे हैं. उन्होंने आगे कहा, 2026 की ओर बढ़ते हुए भारत तीन फंडामेंटल महत्वपूर्ण स्किल्स, टेक्नोलॉजिकल लेवरेज और उद्देश्यपूर्ण विस्तार के आसपास अपने टैलेंट मार्केट को आकार देगा.
रिपोर्ट के अनुसार, सभी नौ सेक्टर्स में भारतीय नियोक्ता 2026 की पहली तिमाही में स्टाफिंग लेवल में बढ़ोतरी की उम्मीद जता रहे हैं. 63% नियोक्ताओं का मानना है कि भर्ती में इज़ाफा होगा, जबकि 24% को लगता है कि मौजूदा स्टाफिंग स्तर यथावत रहेगा. वहीं 11% नियोक्ताओं ने संभावित गिरावट का अनुमान लगाया है और 2% इस बारे में अनिश्चित बने हुए हैं. पिछले एक वर्ष से सकारात्मक रुझान रहने के बावजूद हायरिंग वॉल्यूम में कमी देखी गई है. रिपोर्ट बताती है कि एक सामान्य कंपनी के वर्कफोर्स में 2026 की पहली तिमाही में औसतन 65 कर्मचारियों की बढ़ोतरी होने की संभावना है—यह 2025 की दूसरी तिमाही की तुलना में लगभग 60% की गिरावट है, जब औसत वृद्धि 162 कर्मचारियों की दर्ज की गई थी.