सतत विकास लक्ष्य (SDG) को प्राप्त करने की दिशा में प्रगति को लेकर भारत ने पहली बार एसडीजी की सूची में 167 देशों में शीर्ष 100 में स्थान हासिल किया है. संयुक्त राष्ट्र सतत विकास समाधान नेटवर्क की 10वीं और हालिया सतत विकास रिपोर्ट (SDR) के अनुसार भारत ने 67 अंक हासिल कर 2025 एसडीजी सूचकांक में 99वां स्थान हासिल किया है, जबकि चीन 74.4 अंक से साथ 49वें और अमेरिका 75.2 अंकों के साथ 44वें स्थान पर है.
भारत ने इससे पहले 2024 में 109वां स्थान, 2023 में 112वां स्थान, 2022 में 121वां स्थान, 2021 में 120वां स्थान, 2020 में 117वां स्थान, 2019 में 115वां स्थान, 2018 में 112वां स्थान और 2017 में 116वां स्थान हासिल किया था. भारत के पड़ोसी देशों में 70.5 अंक के साथ भूटान ने 74वां स्थान, 68.6 अंकों के साथ नेपाल ने 85वां स्थान हासिल किया है. जबकि 63.9 अंक के साथ बांग्लादेश 114वें स्थान और 57 अंक के साथ पाकिस्तान 140वें स्थान पर है.
भारत के समुद्री पड़ोसी देश मालदीव और श्रीलंका क्रमश: 53वें और 93वें स्थान पर हैं. रिपोर्ट तैयार करने वाले लेखकों ने कहा कि वैश्विक स्तर पर सतत विकास लक्ष्य की प्रगति थम गई है. 2015 में संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों द्वारा अपनाए गए 17 लक्ष्यों में से केवल 17% ही 2030 तक हासिल किए जा सकेंगे. रिपोर्ट के मुख्य लेखक विश्व प्रसिद्ध अर्थशास्त्री जेफरी सैश हैं. इस रिपोर्ट में कहा गया है, ‘संघर्ष, संरचनात्मक कमियां और सीमित धन दुनिया के कई हिस्सों में सतत विकास लक्ष्य की प्रगति में बाधा डालते हैं.
‘यूरोपीय देश विशेष रूप से नार्डिक (उत्तरी यूरोप और उत्तरी अटलांटिक में स्थित क्षेत्र) राष्ट्र सतत विकास लक्ष्य सूचकांक में शीर्ष पर बने हुए हैं, जिसमें फिनलैंड पहले, स्वीडन दूसरे और डेनमार्क तीसरे स्थान पर है. शीर्ष 20 देशों में से कुल 19 देश यूरोप से हैं. लेखकों ने कहा कि इन देशों को भी जलवायु और जैव विविधता से संबंधित कम से कम दो लक्ष्यों को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. पूर्व और दक्षिण एशिया ने काफी हद तक तेज सामाजिक आर्थिक विकास के कारण एसडीजी प्रगति के संदर्भ में 2015 के बाद से अन्य सभी वैश्विक क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन किया है.