2030 तक भारत का डिफेंस टेक्नोलॉजी मार्केट बढ़कर 19 अरब डॉलर होने का अनुमान

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
भारत का डिफेंस टेक्नोलॉजी बाजार 2025 के 7.6 अरब डॉलर के स्तर से बढ़कर 2030 तक 19 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है, जो लगभग 20 प्रतिशत की वार्षिक चक्रवृद्धि वृद्धि दर (CAGR) को दर्शाता है. यह आंकड़े मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में सामने आए हैं. स्टाफिंग और वर्कफोर्स सॉल्यूशन कंपनी क्वेस कॉर्प की रिपोर्ट के अनुसार, 2030 तक टेक्नोलॉजी-आधारित सिस्टम भारत के कुल रक्षा बाजार का लगभग आधा हिस्सा बन जाएंगे.
यह बदलाव प्लेटफॉर्म-आधारित विकास से आगे बढ़कर उन्नत इंजीनियरिंग और डिजिटल क्षमताओं के निर्माण की ओर उद्योग के तेज़ी से बदलते रुख को दर्शाता है. रिपोर्ट के अनुसार, कंप्यूटर विज़न, ऑटोनोमस सिस्टम्स, काउंटर-ड्रोन टेक्नोलॉजी, अंडरवॉटर रोबोटिक्स, एडवांस्ड सेंसर, डायरेक्टेड एनर्जी रिसर्च और सॉफ्टवेयर लेड मिशन सिस्टम में तेज गति बनी हुई है, जिसे 1000 से अधिक डिफेंस-टेक स्टार्टअप्स और इनोवेशन प्रोग्राम के जरिए लिंक्ड 194 फर्म से समर्थन मिल रहा है.
रिपोर्ट में उल्लेख है कि कंप्यूटर विज़न, स्वायत्त सिस्टम, ड्रोन-रोधी तकनीक, अंडरवॉटर रोबोटिक्स, उन्नत सेंसर, निर्देशित-ऊर्जा अनुसंधान और सॉफ्टवेयर-आधारित मिशन सिस्टम जैसी तकनीकों में तेजी देखी जा रही है. इस वृद्धि को 1,000 से अधिक रक्षा-तकनीक स्टार्टअप और नवाचार कार्यक्रमों के माध्यम से सक्रिय 194 फर्में बढ़ावा दे रही हैं. रिपोर्ट के अनुसार, रडार इंजीनियरिंग, रेडियो फ्रीक्वेंसी इंजीनियरिंग, एवियोनिक्स, प्रोपल्शन, ऑप्टिकल इंजीनियरिंग, क्वांटम कम्युनिकेशन सिस्टम, सिस्टम इंटीग्रेशन, टेस्ट और वैलिडेशन तथा सर्टिफिकेशन जैसे विशेषज्ञ इंजीनियरिंग रोल्स में गंभीर कमी है.
ये भूमिकाएँ वर्तमान में डिफेंस वर्कफोर्स का 5 प्रतिशत से भी कम हिस्सा हैं और एयरक्राफ्ट डेवलपमेंट, अनमैन्ड सिस्टम, नेवल प्रोजेक्ट्स और सिक्योर कम्युनिकेशन नेटवर्क में बाधा डाल सकती हैं. इसके अलावा, डिफेंस-टेक स्टार्टअप्स में कुल फंडिंग का लगभग 71 प्रतिशत काउंटर-ड्रोन सॉल्यूशंस की दिशा में जाता है, जो भारत के डिफेंस इनोवेशन इकोसिस्टम का सबसे तेजी से बढ़ता हुआ सेक्टर है.
काउंटर-ड्रोन मार्केट 17 प्रतिशत के सीएजीआर से बढ़ने के साथ 2029 तक 1.4 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है. क्वेस कॉर्प में आईटी स्टाफिंग सीईओ कपिल जोशी ने कहा, भारत के लिए ग्लोबल सिस्टम्स लीडर बनने के लिए अगले पांच वर्ष बेहद महत्वपूर्ण हैं. डिफेंस-रेडी एआई और फ्रंटियर इंजीनियरिंग टैलेंट का 5-6 गुना विस्तार करना उद्योग की जरूरत के साथ एक राष्ट्रीय अनिवार्यता भी है.
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