अक्टूबर में घरेलू हवाई यात्री संख्या के 1.42 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 4.5% और सितंबर की तुलना में 12.9% अधिक है. यह जानकारी मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में सामने आई है. रेटिंग एजेंसी ICRA ने भारतीय विमानन क्षेत्र के लिए स्थिर आउटलुक बनाए रखते हुए कहा है कि FY26 में घरेलू यात्री यातायात में 4–6% की वृद्धि हो सकती है. FY25 में यह वृद्धि 7.6% रही थी, और इस अवधि में कुल 16.53 करोड़ यात्रियों ने हवाई यात्रा की थी.
यात्रियों की संख्या बढ़ने की वजह क्षमता विस्तार
रिपोर्ट में बताया गया कि यात्रियों की संख्या बढ़ने की वजह क्षमता विस्तार भी है, क्योंकि अक्टूबर में घरेलू प्रस्थान की संख्या करीब 99,816 रही है, जो कि मासिक आधार पर 10.8% और सालाना आधार पर 1.7% अधिक है. इस दौरान परिचालन दक्षता में भी सुधार देखा गया है और इंडस्ट्री का पैसेंजर लोड फैक्टर (पीएलएफ) बढ़कर 84.7% हो गया है, जो कि अक्टूबर 2024 के 82.4% और सितंबर 2025 के 81.4% से अधिक है.
सीमा क्षेत्रों में तनाव
रिपोर्ट के अनुसार, सीमा क्षेत्रों में तनाव, वैश्विक स्तर पर उत्पन्न बाधाएँ, जून 2025 की विमान दुर्घटना के बाद यात्रा को लेकर लोगों में बनी झिझक, और एयर ट्रैफिक कंट्रोल संचालन से जुड़े हालिया व्यवधान—इन सभी कारणों से मौजूदा तिमाही में वृद्धि की रफ्तार कुछ धीमी रहने की संभावना है. रिपोर्ट में यह भी उल्लेख है कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय एयरलाइनों ने सितंबर 2025 तक 28.3 लाख यात्रियों को परिवहन किया, जो वर्ष-दर-वर्ष 5.8% की वृद्धि को दर्शाता है.
अंतर्राष्ट्रीय यात्री यातायात में 13-15% की वृद्धि
आईसीआरए को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 26 में भारतीय एयरलाइनों के लिए अंतरराष्ट्रीय यात्री यातायात में 13-15% की वृद्धि होगी, जिसे विस्तारित अंतरराष्ट्रीय मार्गों और विमानों की बढ़ती उपलब्धता से सपोर्ट मिलेगा. इस बीच, एविएशन टर्बाइन फ्यूल (एटीएफ) की बढ़ती कीमतें एयरलाइनों की लागत संरचनाओं के लिए चुनौती बनी हुई हैं.
नवंबर में एटीएफ (एविएशन टरबाइन फ्यूल) की कीमतों में साल-दर-साल 4.4% की बढ़ोतरी देखी गई, जबकि अक्टूबर की तुलना में इनमें 0.8% की क्रमिक वृद्धि हुई. रिपोर्ट में बताया गया है कि एयरलाइनों की कुल परिचालन लागत का 30–40% हिस्सा ईंधन पर खर्च होता है, इसलिए इसकी कीमतों में लगातार बढ़ोतरी उद्योग के लिए एक बड़ी चिंता बनी हुई है.

