भारत में 2032 तक सड़कों पर 123 मिलियन EV होने का अनुमान: Report

Shivam
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) की संख्या में तेजी से वृद्धि होने जा रही है. देश की सड़कों पर 2032 तक 123 मिलियन ईवी होने का अनुमान है. मंगलवार को आई एक लेटेस्ट रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई. इंडिया एनर्जी स्टोरेज अलायंस (India Energy Storage Alliance) और कस्टमाइज्ड एनर्जी सॉल्यूशन (Customized Energy Solution) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सस्टेनेबल विकास और 2070 तक नेट शून्य उत्सर्जन प्राप्त करने के लिए ईवी को अपनाने की जरूरत है.

ईवी भारत की अर्थव्यवस्था को कर सकता है मजबूत

ईवी को अपनाया जाना भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत कर सकता है और साथ ही 2030 तक 30% ईवी पेनिट्रेशन के लक्ष्य को प्राप्त करने में मददगार होगा. रिपोर्ट का अनुमान है कि भारत की संचयी ऑन-रोड लिथियम-आयन इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) करीब बारह गुना बढ़ गए हैं, जो 2019 में 0.35 मिलियन से बढ़कर 2024 में 4.4 मिलियन हो गए हैं. इस तेज वृद्धि को सहायक सरकारी नीतियों, जैसे कि एफएएमई-2 योजना से बढ़ावा मिला है.
यह योजना पब्लिक चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए पूंजी सब्सिडी के साथ-साथ इलेक्ट्रिक दोपहिया, तिपहिया और चार पहिया वाहनों के लिए मांग आधारित प्रोत्साहन प्रदान करती है. रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि 2024 में भारत के ऑन-रोड ईवी स्टॉक में इलेक्ट्रिक दोपहिया और तिपहिया वाहनों का कुल मिलाकर 93% से अधिक हिस्सा होगा. इसके विपरीत, इलेक्ट्रिक चार पहिया वाहनों का प्रतिनिधित्व लगभग 6% था, जबकि इलेक्ट्रिक बसों और ट्रकों का हिस्सा 1% से भी कम था.

आईईएसए के अध्यक्ष देबमाल्या सेन ने क्‍या कहा ?

आईईएसए के अध्यक्ष देबमाल्या सेन ने कहा, अनुमानित ईवी वृद्धि को सपोर्ट करने के लिए हम अनुमान लगा सकते हैं कि भारत के संचयी इंस्टॉल्ड ईवी चार्जिंग पॉइंट, पब्लिक और कैप्टिव, को करीब 12 से 28 गुना बढ़ाने की जरूरत होगी, जो 2024 में करीब 76,000 से बढ़कर 2032 तक 0.9 मिलियन और 2.1 मिलियन के बीच हो जाएगा. सेन ने कहा कि इंस्टॉल्ड चार्जिंग क्षमता को भी 17 गुना से अधिक बढ़ाना होगा, जो ईवी अपनाने और इंफ्रास्ट्रक्चर के उपयोग के स्तर पर निर्भर करते हुए 1.3 गीगावाट से बढ़कर 23 गीगावाट हो जाएगी.

2032 तक आईईएसए और सीईएस का है अनुमान

सीईएस के प्रबंध निदेशक विनायक वालिम्बे ने कहा कि 2032 तक, आईईएसए और सीईएस का अनुमान है कि भारत का ऑन-रोड ईवी स्टॉक लगभग 49 मिलियन (सबसे खराब स्थिति), 60 मिलियन (बिजनेस-एज-यूजुअल) या 123 मिलियन (एनईवी परिदृश्य) तक पहुंच सकता है. रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में सड़कों पर लगभग 2,20,000 पर्सनल इलेक्ट्रिक फोर-व्हीलर (ई4डब्ल्यू) थे, जिनमें से अधिकांश आवासीय क्षेत्रों में स्थापित टाइप-2 एसी चार्जर पर निर्भर थे. उसी वर्ष तक भारत में अनुमानित 3,20,000 निजी टाइप-2 एसी चार्जर थे, जिनमें से 70% 3.3 किलोवाट इकाइयां, 28% 7.4 किलोवाट इकाइयां और शेष 11-22 किलोवाट इकाइयां उच्च क्षमता के रूप में वर्गीकृत थीं.
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