केंद्रीय बैंक आरबीआई द्वारा शुक्रवार को जारी नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 14 नवंबर को समाप्त सप्ताह में 5.54 अरब डॉलर की वृद्धि के साथ बढ़कर 692.58 अरब डॉलर तक पहुंच गया है. यह उछाल मुख्य रूप से देश के फॉरेक्स रिज़र्व में शामिल गोल्ड कंपोनेंट की वैल्यू बढ़ने के कारण देखा गया, जो 5.34 अरब डॉलर की बढ़ोतरी के बाद 106.86 अरब डॉलर पर पहुंच गया. चूंकि आरबीआई की स्वर्ण संपत्ति का मूल्यांकन अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतों के उतार-चढ़ाव के आधार पर होता है, इसलिए यह बढ़ोतरी वैश्विक गोल्ड प्राइसेज में आई मजबूती को दर्शाती है.
स्पेशल ड्रॉइंग राइट्स में 56 मिलियन डॉलर की वृद्धि
लेटेस्ट डेटा के अनुसार, फॉरेक्स रिजर्व का सबसे बड़ा हिस्सा, फॉरेन करेंसी एसेट्स 152 मिलियन डॉलर की बढ़ोतरी के बाद 562.29 बिलियन डॉलर तक पहुंच गए हैं. वहीं, स्पेशल ड्रॉइंग राइट्स (SDR) में 56 मिलियन डॉलर की वृद्धि के बाद यह 18.65 बिलियन डॉलर तक पहुंच गए हैं. इसके साथ ही, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के पास रखे गए रिजर्व भी 8 मिलियन डॉलर बढ़कर 4.78 बिलियन डॉलर हो गए हैं. आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने हाल ही में भारत के फॉरेन एक्सचेंज रिज़र्व को लेकर कहा, फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व 11 महीने से अधिक के सामान के आयात और लगभग 96 प्रतिशत एक्सटर्नल डेट को फंड करने के लिए पर्याप्त है.
मजबूत बना हुआ है भारत का एक्सटर्नल सेक्टर
उन्होंने कहा, भारत का एक्सटर्नल सेक्टर मजबूत बना हुआ है और हमें भरोसा है कि हम अपनी एक्सटर्नल फाइनेसिंग जरूरतों को पूरा कर सकते हैं. मार्केट एनालिस्ट बताते हैं कि भारत के फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व में पिछले 10 वर्षों में सोने की हिस्सेदारी लगभग दोगुनी हो गई है. जो कि 7 प्रतिशत से भी कम थी और अब 15 प्रतिशत हो चुकी है. यह केंद्रीय बैंक की लगातार जमा और ग्लोबल बुलियन प्राइस के बढ़ने को दर्शाता है.
सोने की कीमतों में 2025 में अब तक लगभग 65% का जबरदस्त उछाल देखा गया है. मिडिल ईस्ट में बढ़ती भू-राजनैतिक अनिश्चितताओं और अमेरिका में टैरिफ बढ़ोतरी के बीच, निवेशक सुरक्षित परिसंपत्ति (सेफ हेवन) के रूप में सोने की ओर आकर्षित हुए हैं. जिससे पीली धातु की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है.
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