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भारत ने स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है. केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रल्हाद जोशी ने जानकारी दी है कि भारत अब सौर ऊर्जा उत्पादन के मामले में जापान को पीछे छोड़ते हुए दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश बन गया है. जोशी ने अंतरराष्ट्रीय नवीकरणीय ऊर्जा एजेंसी (IRENA) के हालिया आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि भारत ने 1,08,494 गीगावाट-घंटे (GWh) सौर ऊर्जा का उत्पादन किया है, जबकि जापान का उत्पादन 96,459 GWh रहा। इस उपलब्धि को उन्होंने देश के स्वच्छ ऊर्जा मिशन की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया.
भारत बना तीसरा सबसे बड़ा सौर ऊर्जा उत्पादक
मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर यह जानकारी साझा करते हुए लिखा, भारत ने सौर ऊर्जा उत्पादन में जापान को पीछे छोड़ दिया है. जापान के 96,459 गीगावाट-घंटे की तुलना में देश ने 1,08,494 गीगावाट-घंटे का उत्पादन किया है और अब यह दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा सौर ऊर्जा उत्पादक बन गया है. उन्होंने आगे लिखा, प्रधानमंत्री नरेंद्र के दूरदर्शी नेतृत्व के कारण, भारत वैश्विक स्वच्छ ऊर्जा क्रांति में अग्रणी भूमिका निभा रहा है. आईआरईएनए, एक वैश्विक एजेंसी जो देशों को सतत ऊर्जा अपनाने में सहायता करती है, दुनिया भर में नवीकरणीय ऊर्जा विकास के लिए व्यापक स्तर पर आंकड़े और नीतिगत समर्थन प्रदान करती है.
सौर ऊर्जा के बाद अब पवन ऊर्जा पर भी भारत की पकड़ मजबूत
यह उपलब्धि ऐसे समय में सामने आई है, जब भारत विविध ऊर्जा रणनीति के माध्यम से 2030 तक 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म ईंधन बिजली क्षमता हासिल करने के अपने महत्वाकांक्षी लक्ष्य को आगे बढ़ा रहा है. सौर ऊर्जा क्षेत्र में अपनी सफलता के अलावा, भारत अपने पवन ऊर्जा पोर्टफोलियो का भी विस्तार कर रहा है. पिछले महीने की शुरुआत में, केंद्रीय मंत्री ने संसद को सूचित किया था कि इस वर्ष 30 जून तक भारत में स्थापित पवन ऊर्जा क्षमता 51.67 गीगावाट तक पहुंच गई है.
पवन ऊर्जा में भारत की रफ्तार तेज
केंद्रीय मंत्री ने लोकसभा में एक सवाल के जवाब में लिखित उत्तर में कहा, देश की पवन ऊर्जा क्षमता पिछले तीन वित्तीय वर्षों में लगातार बढ़ रही है. FY2023-2024 में 2,275.55 मेगावाट की नई क्षमता जोड़ी गई ही थी. वहीं, FY2024-2025 में 3,253.39 मेगावाट की नई क्षमता जोड़ी गई थी और FY2025-2026 की अप्रैल-जून तिमाही में 1,637.02 मेगावाट नई क्षमता स्थापित की गई है. 13,816.68 मेगावाट स्थापित क्षमता के साथ, गुजरात पवन ऊर्जा उत्पादन क्षमता के मामले में शीर्ष तीन राज्यों में सबसे आगे है. तमिलनाडु 11,830.36 मेगावाट के साथ दूसरे स्थान पर है. 7,714.74 मेगावाट स्थापित पवन ऊर्जा के साथ, कर्नाटक देश का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक है.