भारतीय रियल एस्टेट सेक्टर में मजबूत घरेलू आर्थिक गति, तेजी से बढ़ते शहरीकरण और इंफ्रास्ट्रक्चर में निरंतर विस्तार को देखते हुए, 2025 और 2026 में हर वर्ष विदेशी तथा घरेलू निवेशकों से लगभग 5-7 अरब डॉलर के निवेश के आने की उम्मीद है. यह जानकारी शुक्रवार को जारी एक रिपोर्ट में सामने आई. रियल एस्टेट सर्विस फर्म कोलियर्स की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, 2024 से एपीएसी-केंद्रित कैपिटल रेजिंग में 130% से अधिक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जो 2025 की पहली से तीसरी तिमाही के बीच ग्लोबल फंड रेजिंग का लगभग 11% हिस्सा दर्शाती है.
भारतीय रियल एस्टेट मार्केट को लेकर कोलियर्स इंडिया के नेशनल डायरेक्टर और रिसर्च हेड विमल नादर ने कहा, इंडस्ट्रियल और लॉजिस्टिक्स सेगमेंट एक नई तेजी दर्ज करवाएंगे. अल्टरनेटिव एसेट्स में डेटा सेंटर में निवेश बढ़ने का अनुमान है, जो कि डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और हाइपरस्केल मांग के विस्तार की वजह से देखा जाएगा. लगातार ऑक्यूपायर एक्टिविटी और हेल्दी सप्लाई पाइपलाइन की वजह से 2025 में ऑफिस और रेजिडेंशियल एसेट्स कुल निवेश में 60 प्रतिशत का योगदान दर्ज करवा सकते हैं.
इक्विटी मार्केट लिक्विडिटी बढ़ा रहे हैं और REITs व IPOs के माध्यम से वैकल्पिक निवेश के नए अवसर तैयार कर रहे हैं, जो भारतीय रियल एस्टेट सेक्टर में क्रॉस-बॉर्डर भागीदारी को और गति प्रदान कर रहे हैं. रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक निवेशक अब क्षेत्रीय और सेक्टोरल विविधीकरण के साथ रियल एस्टेट मार्केट में दोबारा प्रवेश कर रहे हैं और अपनी निवेश आवंटन रणनीति को एशिया-प्रशांत क्षेत्र की ओर स्थानांतरित कर रहे हैं. इस ट्रेंड में भारत तेजी से एक पसंदीदा निवेश गंतव्य बनकर उभर रहा है.
संस्थागत निवेशकों का सर्वे बताता है कि मार्केट फंडामेंटल में सुधार हो रहा है, लिक्विडिटी लौट रही है और वैश्विक स्तर पर प्राइसिंग एक्सपेक्टेशन नॉर्मल हो रही है. पहले से स्थापित मार्केट जैसे जापान, ऑस्ट्रेलिया और सिंगापुर पॉपुलर बने हुए हैं. वहीं उभरते बाजारों में खासकर भारत उच्च रिटर्न के लिए आकर्षण का केंद्र बन रहा है. रिपोर्ट के अनुसार, 2025 के पहले नौ महीनों में भारतीय रियल एस्टेट सेक्टर में संस्थागत निवेश 4.3 अरब डॉलर तक पहुँच गया है और यह मजबूत बना हुआ है. इस वृद्धि को वर्ष की शुरुआती तिमाहियों में दिखाई दी तेज गति ने महत्वपूर्ण समर्थन दिया है.