भारतीय बैंकिंग सेक्टर FY26 की दूसरी छमाही में मजबूत प्रदर्शन की ओर अग्रसर

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

भारतीय बैंकिंग सेक्टर FY26 की दूसरी छमाही में मजबूत प्रदर्शन की ओर अग्रसर है. इसे सुधारती खपत, कम ब्याज दरों और अनुकूल आर्थिक माहौल का लाभ मिलने की संभावना है. गुरुवार को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 26 में बैंकिंग क्रेडिट सालाना आधार पर 11.5-12.5 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है. इस वृद्धि का मुख्य कारण रिटेल और एमएसएमई सेगमेंट में बढ़ी हुई क्रेडिट मांग है. इसके अलावा, कंपनियों के पूंजी जुटाने के लिए बॉन्ड मार्केट से बैंकों की ओर रुख करने से कॉरपोरेट क्रेडिट में भी तेजी आ सकती है.

डिपॉजिट ग्रोथ लोन ग्रोथ से अधिक रहने का अनुमान

हालांकि, अभी भी डिपॉजिट ग्रोथ लोन ग्रोथ से अधिक रहने का अनुमान है और क्रेडिट-टू-डिपॉजिट रेश्यो 80 प्रतिशत के करीब रहने का अनुमान है. रिपोर्ट में आगे कहा गया कि नेट इंटरेस्ट मार्जिन (एनआईएम) चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में स्थिर रहने की उम्मीद है. वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में बैंकों का मुख्य ध्यान आय और परिचालन दक्षता बढ़ाने पर रहेगा, जिसे सीआरआर में कटौती, ब्याज दरों के स्थिर रहने और लिक्विडिटी में सुधार का लाभ मिलेगा.

AUM में 1.7 गुना से अधिक वृद्धि दर्ज

वित्त वर्ष 2021 से एनबीएफसी के एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) में 1.7 गुना से अधिक वृद्धि दर्ज की गई है. इस अवधि में खुदरा क्षेत्र की AUM में हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2021 के 49 प्रतिशत से बढ़कर वित्त वर्ष 2025 में 56 प्रतिशत तक पहुँच गई है. खासकर खुदरा सेक्टर में, असुरक्षित लोन के बावजूद इन्फ्रा-फाइनेंसिंग एनबीएफसी के मजबूत प्रदर्शन के कारण कुल परिसंपत्ति गुणवत्ता में सुधार देखा गया है. रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 25 में गोल्ड लोन क्रेडिट में 30 प्रतिशत की मजबूती रही थी, और वित्त वर्ष 26 में इसे लगभग 35 प्रतिशत तक बढ़ने का अनुमान है.

केयरएज रेटिंग्स के कार्यकारी निदेशक सचिन गुप्ता ने क्‍या कहा ?

इसे मजबूत सोने की कीमतों और एलटीवी नियमों से फायदा मिलने की उम्मीद है. केयरएज रेटिंग्स के कार्यकारी निदेशक सचिन गुप्ता ने कहा कि बैंकिंग उद्योग ने लचीलापन दिखाया है और एनपीए (NPA) खासकर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में अब अपने निम्नतम स्तर पर हैं. उन्होंने कहा, हालांकि बैंकिंग क्रेडिट ऑफटेक धीमा बना हुआ है, फिर भी इसमें कुछ सुधार हुआ है. इसके विपरीत, एनबीएफसी ने लोन ग्रोथ में बैंकों से बेहतर प्रदर्शन किया है, जिसे परिसंपत्ति गुणवत्ता में समग्र सुधार का समर्थन प्राप्त है.

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