पिछले कुछ वर्षों में GIFT City में विश्वास और भरोसा तेजी से बढ़ा है. IFSCA के चेयरमैन के. राजारामन के अनुसार, अब भारतीय कंपनियों को बिजनेस के लिए Cayman Islands जैसे टैक्स-फ्रेंडली देशों पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं है. भारत में ही उन्हें ग्लोबल स्तर की सुविधाएं उपलब्ध हैं. GIFT City में कंपनियों को 15 साल में से लगातार 10 साल तक कॉर्पोरेट टैक्स हॉलिडे मिलता है. इसके अलावा, यहां GST का बोझ नहीं है, चाहे सर्विस GIFT IFSC यूनिट को प्राप्त हो या उनके द्वारा प्रदान की जाए.
लीजिंग हब
पहले कंपनियां प्लेन लीजिंग के लिए डबलिन, शिप लीजिंग के लिए दुबई और डॉलर में उधार लेने के लिए सिंगापुर जाती थीं. अब ये सब काम भारत में ही GIFT City से हो रहा है. यहां 34 शिप लीज़र रजिस्टर्ड हैं और 28 जहाज लीज किए जा चुके हैं. 37 एयरक्राफ्ट लीज़र मौजूद हैं और अब तक 303 एयरक्राफ्ट एसेट्स लीज़ हुए हैं.
बैंकिंग और फाइनेंस
आज GIFT City में कुल 35 बैंक हैं, जिनमें 18 विदेशी बैंक भी शामिल हैं. सितंबर 2025 तक यहां बैंकिंग एसेट्स $100 बिलियन तक पहुंच गई हैं. भारतीय कंपनियों के $61 बिलियन के ECB में से $19 बिलियन GIFT City के माध्यम से आए हैं. यहां से एक्सपोर्टर्स डॉलर में ट्रेड फाइनेंस ले सकते हैं, शिपिंग कंपनियां डॉलर में इंश्योरेंस खरीद सकती हैं और कंपनियां अंतरराष्ट्रीय एक्सचेंज पर लिस्टिंग भी कर सकती हैं.
तेजी से बढ़ता विकास
IFSCA की स्थापना 2020 में हुई थी, लेकिन इसका वास्तविक संचालन 2022-23 से शुरू हुआ. सिर्फ 2-3 वर्षों में ही GIFT City ने शानदार प्रगति की है और अब यह धीरे-धीरे भारत का प्रमुख ग्लोबल फाइनेंशियल हब बनता जा रहा है.