रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, निवेश बैंकरों के हवाले से जुलाई में भारतीय कंपनियाँ आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (IPO) के ज़रिए करीब 2.4 बिलियन डॉलर जुटाने की तैयारी कर रही हैं. यह दिसंबर के बाद से प्राथमिक बाज़ार में सबसे सक्रिय महीना होगा, जून में 2 बिलियन डॉलर जुटाए जाने के बाद, जिसका मुख्य कारण एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज़ (HDB Financial Services) है. इस महीने लिस्टिंग के लिए तैयार होने वाली कंपनियों में शिक्षा ऋण प्रदाता क्रेडिला फाइनेंशियल सर्विसेज, स्टॉक डिपॉजिटरी प्रमुख नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL), सुरक्षा निगरानी फर्म आदित्य इन्फोटेक और बिजली-संचरण उपकरण निर्माता एम एंड बी इंजीनियरिंग शामिल हैं. रिपोर्ट में बैंकरों ने पुष्टि की कि ये फर्म वर्तमान में निवेशक रोड शो आयोजित कर रही हैं.
वैश्विक व्यवधानों के बाद लौटी IPO की गति
इस साल की शुरुआत में कई चुनौतियों का सामना करने के बाद भारत का IPO बाजार फिर से मजबूत होने के संकेत दे रहा है. भू-राजनीतिक अनिश्चितता, जिसमें अमेरिकी व्यापार युद्ध और पाकिस्तान तथा मध्य पूर्व जैसे क्षेत्रों में तनाव शामिल है, ने कई नियोजित पेशकशों में देरी की है. 2024 में भारत के आईपीओ बाजार ने रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन किया, जिसमें 20.5 बिलियन डॉलर जुटाए गए, जो संयुक्त राज्य अमेरिका के बाद दूसरे स्थान पर है. यह गति घरेलू निवेशकों की भागीदारी में उछाल और भारत की आर्थिक प्रगति में विश्वास से प्रेरित थी.
हालांकि, इस साल की शुरुआत में वैश्विक उथल-पुथल के कारण एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया और अन्य कंपनियों को अपने IPO की योजना को स्थगित करना पड़ा. लेकिन अब जब सेंसेक्स और निफ्टी 50 अपने उच्चतम स्तर के करीब कारोबार कर रहे हैं, जो अपने उच्चतम स्तर से 3% कम है, तो बाजार की धारणा स्थिर होती दिख रही है. रिपोर्ट के मुताबिक, एक्सिस कैपिटल में निवेश बैंकिंग के प्रबंध निदेशक सूरज कृष्णस्वामी ने कहा, “आईपीओ बाजार में वापसी हो गई है. अधिकांश नकारात्मक चीजों की अनुपस्थिति बाजार को किसी भी अन्य चीज से अधिक आगे बढ़ा रही है.”
एलएसईजी के आंकड़ों के मुताबिक, 2025 में अब तक भारत ने दुनिया के दूसरे सबसे बड़े आईपीओ बाजार के रूप में अपनी स्थिति बनाए रखी है, जिसमें 5.86 बिलियन डॉलर जुटाए गए हैं, जो कुल वैश्विक आईपीओ आय का लगभग 12% योगदान देता है. जुलाई की लिस्टिंग में क्रेडिला के सबसे आगे रहने की उम्मीद है, जो 584 मिलियन डॉलर जुटाने की कोशिश कर रही है. एनएसडीएल, जिसे पिछले सितंबर में अपने आईपीओ के लिए विनियामक अनुमोदन प्राप्त हुआ था, 400 मिलियन डॉलर के इश्यू का लक्ष्य बना रहा है. हालांकि सटीक तिथियां और मूल्यांकन अभी भी गुप्त हैं, लेकिन बैंकरों का कहना है कि जल्द ही घोषणाएं होने की संभावना है.
अन्य प्रत्याशित पेशकशों में एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया का प्रस्तावित $1.8 बिलियन का आईपीओ, साथ ही जेएसडब्ल्यू सीमेंट और रक्षा निर्माता एसएमपीपी शामिल हैं, जिनमें से प्रत्येक की नज़र लगभग $470 मिलियन पर है. जेएसडब्ल्यू सीमेंट की लिस्टिंग जुलाई के अंत या अगस्त की शुरुआत में हो सकती है, हालांकि अन्य के लिए समयसीमा अनिश्चित बनी हुई है.