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The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
भारत की एविएशन इंडस्ट्री बढ़कर पैसेंजर ट्रैफिक में दुनिया के शीर्ष तीन बाजारों में शामिल हो गई है. यह जानकारी इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (International Air Transport Association) के डेटा में दी गई. आईएटीए में भारत, नेपाल और भुटान के निदेशक अमिताभ खोसला ने कहा कि वैश्विक बाजार में भारत का तीसरे स्थान पर पहुंचना मजबूत एयरलाइनों, कनेक्टिविटी में वृद्धि और एयरपोर्ट के इन्फ्रास्ट्रक्चर में वृद्धि के कारण संभव हुआ है.
उन्होंने बताया कि एविएशन इंडस्ट्री देश में रोजगार, आर्थिक गतिविधि, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और निवेश को बढ़ाने में मदद कर रही है. रिपोर्ट में बताया गया, भारत के एविएशन सेक्टर की GDP में हिस्सेदारी 1.5% है और यह सेक्टर करीब 77 लाख लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तरीके से रोजगार दे रहा है. खोसला ने कहा, 2023 में इंडस्ट्री ने भारत की अर्थव्यवस्था में 53.6 अरब डॉलर का योगदान दिया.
उन्होंने आगे कहा, एविएशन द्वारा समर्थित पर्यटन, GDP में 2,710 करोड़ रुपए का योगदान देता है. अंतर्राष्ट्रीय पर्यटक वस्तुओं और सेवाओं की स्थानीय खरीद के माध्यम से अर्थव्यवस्था में सालाना 29.4 अरब डॉलर जोड़ते हैं. उन्होंने कहा, कुल मिलाकर 2023 में यात्रा और पर्यटन क्षेत्र देश के सकल घरेलू उत्पाद का 6.5% और कुल रोजगार का 8.9 प्रतिशत हिस्सा था. रिपोर्ट में बताया गया कि 2023 में मध्य पूर्व 13.7 मिलियन यात्रियों के साथ भारतीय यात्रियों के लिए शीर्ष अंतर्राष्ट्रीय गंतव्य था, जिसके बाद एशिया प्रशांत क्षेत्र और यूरोप का स्थान था.
वर्तमान में भारत में 116 एयरपोर्ट्स हैं जो कमर्शियल सेवाएं प्रदान करते हैं, जिनमें से 96 सीधे कनेक्शन प्रदान करते हैं और इन एयरपोर्ट्स पर प्रत्येक दिन 521 आउटबाउंड अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें हैं. पिछले पांच वर्षों में 103 नए अंतर्राष्ट्रीय मार्ग शुरू किए गए हैं. वर्तमान में देश में 99 एयरलाइनें चल रही हैं. भारत ने खुद को दुनिया के छठे सबसे बड़े एयर कार्गो बाजार के रूप में भी स्थापित किया है और 2023 में 3.3 मिलियन टन हवाई माल का परिवहन किया था.