भारत के फ्लेक्सी स्टाफिंग सेक्टर (Flexi Staffing Sector) ने FY25 में सालाना आधार पर 9.7% की शानदार वृद्धि दर्ज की है. मंगलवार को जारी एक नई रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई. आईएसएफ द्वारा जारी लेटेस्ट वार्षिक रिपोर्ट में बताया गया है कि वैश्विक अनिश्चितताओं, व्यापार युद्धों और पिछली तिमाही में भर्ती के सतर्क माहौल के बावजूद, इस सेक्टर ने वित्त वर्ष में 1.39 लाख नए फॉर्मर फ्लेक्सी वर्कर्स जोड़े, जिससे इंडियन स्टाफिंग फेडरेशन (ISF) के सदस्यों द्वारा नियोजित कुल वर्कफोर्स मार्च 2025 तक 18 लाख हो गया.
रिपोर्ट दर्शाती है कि जनरल फ्लेक्सी स्टाफिंग सेगमेंट में वर्ष के दौरान शुद्ध नए रोजगार में 9.8% की मजबूत वृद्धि देखी गई, जबकि सीजनल स्लोडाउन और वैश्विक प्रतिकूलताओं के कारण चौथी तिमाही में 2.6% की गिरावट आई थी. FMCG, Retail, E-commerce, लॉजिस्टिक्स और एनर्जी जैसे प्रमुख सेक्टर ने इस वार्षिक वृद्धि में प्रमुख योगदान दिया. ISF के अध्यक्ष लोहित भाटिया (Lohit Bhatia) ने कहा कि वैश्विक घटनाओं और भारत की बैंकिंग प्रणाली में बदलावों के कारण उत्पन्न आर्थिक दबावों के बावजूद खासकर नए और पहली बार नौकरी चाहने वालों के लिए स्टाफिंग इंडस्ट्री ने फॉर्मल जॉब्स के अवसर पैदा करना जारी रखा है.
उन्होंने कहा कि स्ट्रक्चर्ड रोजगार विकल्प प्रदान करते हुए दक्षता बनाए रखने के लिए कंपनियों के लिए स्टाफिंग एक महत्वपूर्ण उपकरण बना हुआ है. कोरोना महामारी के बाद के चुनौतीपूर्ण तीन वर्षों के बाद आईटी स्टाफिंग सेक्टर (IT Staffing Sector) में भी सुधार के संकेत दिखाई दिए. इस सेक्टर ने सालाना आधार पर 7.8% की वृद्धि और अकेले चौथी तिमाही में 2.3% की वृद्धि दर्ज की. आईएसएफ के उपाध्यक्ष मनमीत सिंह (Manmeet Singh) ने बताया कि इस वृद्धि को वैश्विक क्षमता केंद्रों (GCC) की बढ़ती मांग और सेवा क्षेत्रों में बढ़ती परियोजना गतिविधियों का समर्थन प्राप्त है.
ई-कॉमर्स, लॉजिस्टिक्स, एफएमसीजी और मैन्युफैक्चरिंग जैसे उद्योगों ने भी इस वृद्धि में योगदान दिया. उन्होंने आगे कहा कि अलग-अलग सेक्टर में डिजिटल परिवर्तन, साइबर सुरक्षा पर बढ़ता ध्यान और एआई जैसी उभरती तकनीकों को अपनाने में वृद्धि ने आईटी स्टाफिंग में सकारात्मक गति को बढ़ावा देने में मदद की. वित्त वर्ष के अंत में बजट उपयोग और परियोजनाओं के बंद होने से तकनीकी पेशेवरों की मांग में वृद्धि हुई. ISF की कार्यकारी निदेशक सुचिता दत्ता ने इस बात पर जोर दिया कि फेडरेशन और इसके मेंबर कठिन आर्थिक दौर में भी औपचारिक रोजगार बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.