भारत में औद्योगिक विकास (Industrial Development) बताने वाला औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) अप्रैल में 2.7% बढ़ा है. यह जानकारी सांख्यिकी मंत्रालय की ओर से बुधवार को जारी किए गए डेटा में दी गई. आंकड़ों के अनुसार, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर (Manufacturing Sector) की वृद्धि दर अप्रैल में सालाना आधार पर 3.4% रही है. इस साल मार्च में यह आंकड़ा 3% पर था. अप्रैल में पावर सेक्टर के उत्पादन में 1.1% की वृद्धि हुई है, जबकि खनन सेक्टर के उत्पादन में 0.2% की गिरावट दर्ज की गई है. मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की 23 में से 16 इंडस्ट्री में अप्रैल में मजबूत ग्रोथ देखने को मिली है.
कैपिटल गुड्स के उत्पादन में 20.3% का हुआ इजाफा
शीर्ष तीन योगदानकर्ताओं में मैन्युफैक्चर ऑफ बेसिक मेटल (4.9%), मैन्युफैक्चर ऑफ मोटर व्हीकल, ट्रेलर एंड सेमी-ट्रेलर (15.4%) और मैन्युफैक्चर ऑफ मशीनरी और इक्विपमेंट (17%) थे. अप्रैल में कैपिटल गुड्स के उत्पादन में 20.3% का इजाफा हुआ है. इन प्रोडक्ट्स का उपयोग फैक्ट्रियों में किया जाता है. यह सेगमेंट दिखाता है कि अर्थव्यवस्था में निवेश हो रहा है. इसका नौकरियों और आय पर सकारात्मक असर होता है.
इलेक्ट्रॉनिक सामान, रेफ्रिजरेटर और टीवी जैसे उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं के उत्पादन में भी 6.4% की वृद्धि हुई, जो बढ़ती आय के बीच इन वस्तुओं की उच्च उपभोक्ता मांग को दर्शाता है. राजमार्गों, रेलवे और बंदरगाहों के क्षेत्रों में लागू की जा रही बड़ी सरकारी परियोजनाओं के कारण बुनियादी ढांचा क्षेत्र में 4% की वृद्धि दर्ज की गई. इससे पहले वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, देश के आठ मुख्य उद्योगों के संयुक्त सूचकांक में अप्रैल में सालाना आधार पर 0.5% की वृद्धि हुई है.
आठ प्रमुख उद्योगों का औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) में हिस्सेदारी 40.27% है और यह समग्र औद्योगिक विकास का इंडिकेटर है. सूचकांक में करीब 18% का भार रखने वाले इस्पात का उत्पादन अप्रैल, 2025 में पिछले वर्ष के इसी महीने की तुलना में 3% बढ़ा है। अप्रैल से मार्च, 2024-25 के दौरान इसका संचयी सूचकांक पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 6.9% बढ़ा है.