भारत के वस्त्र क्षेत्र में 2025 में निवेश और निर्यात में तेज उछाल, पीएम मित्र पार्कों से मिली रफ्तार

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

भारत के वस्त्र उद्योग में वर्ष 2025 के दौरान निवेश और निर्यात में उल्लेखनीय तेजी देखने को मिली है. इस बढ़ोतरी को सरकारी प्रोत्साहन योजनाओं और कारोबार को आसान बनाने के लिए किए गए आर्थिक सुधारों से मजबूती मिली है. सरकार ने अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त 7 पीएम मेगा इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल रीजन एंड अपैरल (PM MITRA) पार्कों की स्थापना को स्वीकृति दी है, जहां प्लग-एंड-प्ले जैसी सुविधाएं उपलब्ध होंगी. इन पार्कों के विकास के लिए कुल 4,445 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है. ये टेक्सटाइल पार्क तमिलनाडु, तेलंगाना, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में स्थापित किए जाएंगे.

भारत के वस्त्र उद्योग में निवेश और निर्यात में तेजी

अब तक 27,434 करोड़ रुपए से अधिक के निवेश समझौते किए जा चुके हैं और 100 प्रतिशत जमीन भी पार्कों के लिए खरीद ली गई है. सभी राज्य सरकारों ने पार्कों के लिए 2,590.99 करोड़ रुपए की लागत से इंफ्रास्ट्रक्चर कार्य शुरू कर दिया है. सरकार ने राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन (एनटीटीएम) की शुरुआत की है, जिसमें 1,480 करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा. इस मिशन का उद्देश्य तकनीकी वस्त्र के उपयोग को बढ़ाना और इसे रक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में प्रमोट करना है. FY24-25 के दौरान हस्तशिल्प सहित वस्त्र और परिधान निर्यात में 5% की बढ़ोतरी दर्ज की गई, जिससे यह बढ़कर 37.8 अरब डॉलर तक पहुंच गया. इस निर्यात का प्रमुख हिस्सा अमेरिका, यूरोपीय संघ और ब्रिटेन जैसे बाजारों में गया,

नए बाजार और जीएसटी में कमी से वैश्विक हिस्सेदारी बढ़ी

जबकि बांग्लादेश, यूएई, श्रीलंका, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा जैसे नए गंतव्य देशों की हिस्सेदारी भी करीब 20% रही. सरकार ने निर्यात को प्रोत्साहन देने और कारीगरों को राहत पहुंचाने के उद्देश्य से वस्त्र क्षेत्र पर जीएसटी की दर को 12% से घटाकर 5% कर दिया है. इस क्षेत्र में वस्त्र व्यापार संवर्धन (टीटीपी) विभाग ने भी भारत की वैश्विक वस्त्र बाजार में उपस्थिति को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई है. 2024 में भारत वस्त्र और परिधान का छठा सबसे बड़ा निर्यातक बनकर उभरा, जिसमें इस क्षेत्र का भारत के कुल निर्यात में 8.63% का महत्वपूर्ण योगदान रहा और वैश्विक व्यापार में इसकी हिस्सेदारी 4.1% रही.

भारत के कपास और हैंडलूम सेक्टर में रोजगार और निवेश

भारत का कपास क्षेत्र देश की कृषि अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण आधार है, जो लगभग 60 लाख किसानों और 400 से 500 लाख लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार उपलब्ध कराता है. 2024-25 के सीजन के दौरान निगम द्वारा 525 लाख क्विंटल कपास की खरीद की गई, जिसके तहत किसानों को करीब 37,450 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया. इसके अलावा, सरकार ने हस्तशिल्प और हैंडलूम सेक्टर को प्रोत्साहन देने के लिए कई योजनाएं लागू की हैं, जिनके अंतर्गत 11,544 कारीगरों को मुद्रा योजना के माध्यम से ऋण उपलब्ध कराया गया है. साथ ही, 2.35 लाख से अधिक लोगों को विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जोड़ा गया है.

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