2025 की तीसरी तिमाही में भारत के वेयरहाउसिंग सेक्टर में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ने तेजी से बढ़त दिखाई. रिपोर्ट के अनुसार, सितंबर तिमाही में अब्सॉर्प्शन 17.1 मिलियन स्क्वायर फीट तक पहुंच गया, जो सालाना आधार पर 16% की वृद्धि को दर्शाता है. नाइट फ्रैंक इंडिया की रिपोर्ट में बताया गया कि इस दौरान लीजिंग गतिविधि 49.2 मिलियन स्क्वायर फीट तक पहुंची, जो पिछले साल की तुलना में 32% अधिक है. इस मजबूत प्रदर्शन के साथ, वेयरहाउसिंग सेक्टर अगले रिकॉर्ड वर्ष की ओर अग्रसर हो चुका है.
एफएमसीजी और एफएमसीडी को छोड़कर मैन्युफैक्चरिंग ऑक्यूपायर्स ने सबसे बड़े मांग बढ़ाने वाले रहे, जिन्होंने 2025 की तीसरी तिमाही में कुल ट्रांजैक्शन में 44% का योगदान दिया. वॉल्यूम को लेकर सेक्टर ने 2025 के पहले 9 महीनों में सालाना आधार पर 56% की वृद्धि दर्ज करवाई. रिपोर्ट बताती है कि मजबूत घरेलू मांग, सप्लाई चेन डायवर्सिपिकेशन और पॉलिसी-लेड इंस्ट्रियल विस्तार के समर्थन से मैन्युफैक्चरिंग, थर्ड-पार्टी लॉजिस्टिक्स (3पीएल) और ई-कॉमर्स ऑक्यूपायर्स ने मजबूत गति दर्ज करवाई. ऑक्यूपायर्स के लिए ग्रेड ए फैसिलिटी एक पसंदीदा विकल्प बनी हुई हैं, जिसने वर्ष 2025 में अभी तक कुल लीज पर लिए स्पेस के 61% का योगदान दिया.’
जबकि बीते वर्ष की समान अवधि में ग्रेड ए फैसिलिटी का यह योगदान 58 प्रतिशत दर्ज किया गया था. नाइट फ्रैंक इंडिया के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा, मैन्युफैक्चरिंग के विस्तार, सप्लाई चेन डायवर्सिफिकेशन और बेहतर होती लॉजिस्टिक्स एफिशिएंसी जैसे फंडामेंडल शिफ्ट के कारण भारत का इंडस्ट्रियल और वेयरहाउसिंग लैंडस्केप लगातार मजबूत हो रहा है. ई-कॉमर्स सेक्टर ने 2025 की तीसरी तिमाही में जबरदस्त प्रदर्शन किया, जिसमें 2.5 मिलियन स्क्वायर फीट की लीजिंग रिकॉर्ड की गई, जो सालाना आधार पर 137% की वृद्धि दर्शाती है.
सभी प्रमुख बाजारों में किराए में भी सकारात्मक वृद्धि रही, जिसे मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में मजबूत ऑक्यूपायर एक्टिविटी ने और समर्थन दिया। रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकारी पहलों और नीति समर्थन के कारण मैन्युफैक्चरिंग का आउटलुक मजबूत बना हुआ है। कंपनियां लगातार सप्लाई चेन में विविधता ला रही हैं और उत्पादन को भारत में शिफ्ट कर रही हैं.