भारत का एआई टैलेंट बेस 2027 तक दोगुना होने की संभावना है. इंडस्ट्री अनुमानों के अनुसार, यह वृद्धि देश में बढ़ती एआई विशेषज्ञता और वैश्विक डेवलपर्स में भारतीयों की बढ़ती हिस्सेदारी को दर्शाती है. गिटहब एआई प्रोजेक्ट्स में 2024 में भारत दूसरे स्थान पर था और कुल एआई प्रोजेक्ट्स में इसका हिस्सा 19.9% था. केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार, यह भारत के एआई डेवलपर इकोसिस्टम की गहराई को रेखांकित करता है. यह इंडियाएआई मिशन के तहत बड़े पैमाने पर एआई कौशल विकास, अनुसंधान और इनोवेशन पर सरकार के फोकस को भी प्रमाणित करता है. भारत की एआई रणनीति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के टेक्नोलॉजी के लोकतंत्रीकरण के विजन पर आधारित है.
भारत एआई टैलेंट में विश्व में अग्रणी
इसका उद्देश्य भारत केंद्रित चुनौतियों का समाधान करना और एआई में अवसर और रोजगार सृजित करना है. एआई से संबंधित नौकरियां आईटी, विनिर्माण, कृषि, स्वास्थ्य सेवा, प्रशासन और अन्य कई क्षेत्रों में फैली हुई हैं. इन क्षेत्रों में एआई के बढ़ते उपयोग के साथ-साथ कुशल पेशेवरों की मांग भी लगातार बढ़ रही है. भारत सरकार इस तथ्य को समझती है और इसी दिशा में अपनी एआई पहलों को संरेखित कर रही है. वैश्विक आकलनों में भी भारत के एआई कार्यबल की ताकत झलकती है. स्टैनफोर्ड एआई इंडेक्स रिपोर्ट 2025 के अनुसार, भारत एआई टैलेंट अधिग्रहण में विश्व में अग्रणी है, जिसकी वार्षिक भर्ती दर लगभग 33% है और एआई कौशल के विस्तार में भारत शीर्ष देशों में शामिल है.
ग्लोबल एआई वाइब्रेंसी टूल में भारत शीर्ष तीन देशों में शुमार
2016 से लेकर अब तक देश में एआई टैलेंट का केंद्रीकरण तीन गुना से अधिक बढ़ गया है. स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के ग्लोबल एआई वाइब्रेंसी टूल में भारत शीर्ष तीन देशों में शुमार है, जो एआई टैलेंट और इन्फ्रास्ट्रक्चर में इसकी बढ़ती ताकत को दर्शाता है. सरकार की विभिन्न पहलें एआई प्रतिभाओं के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं, जैसे इंडियाएआई फ्यूचरस्किल्स, जो इंडियाएआई मिशन का एक प्रमुख स्तंभ है और इसका मुख्य उद्देश्य एआई प्रतिभाओं और अनुसंधान को बढ़ावा देना है.
सरकार एआई से संबंधित कार्यों के लिए 500 पीएचडी शोधार्थियों, 5,000 स्नातकोत्तर छात्रों और 8,000 स्नातक छात्रों को सहायता प्रदान कर रही है. एनआईईएलआईटी के माध्यम से टियर-2 और टियर-3 शहरों में इंडियाएआई डेटा और एआई लैब स्थापित की गई हैं, जहां एआई, डेटा संकलन, एनोटेशन, डेटा क्लीनिंग और एप्लाइड डेटा साइंस में पाठ्यक्रम संचालित किए जाते हैं. इसके अलावा, मंत्री के अनुसार 27 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 174 आईटी और पॉलिटेक्निक संस्थानों को अतिरिक्त इंडियाएआई डेटा और एआई लैब स्थापित करने की मंजूरी दी गई है.

