भू-राजनीतिक तनाव, केंद्रीय बैंकों द्वारा सोने की खरीदारी और अमेरिका में ब्याज दरों में संभावित कटौती की उम्मीदों के चलते सितंबर माह में गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF) में निवेश में जबरदस्त उछाल देखा गया. बुधवार को जारी आईसीआरए एनालिटिक्स की रिपोर्ट के अनुसार, इस साल सितंबर में शुद्ध निवेश 578.28% की बढ़त के साथ 8,363.13 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जबकि पिछले साल इसी महीने यह आंकड़ा 1,232.99 करोड़ रुपये था। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि सितंबर 2020 के 597.26 करोड़ रुपये की तुलना में पिछले पांच वर्षों में गोल्ड ईटीएफ में शुद्ध निवेश में 69.53% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) दर्ज की गई है.
गोल्ड ईटीएफ में 126% की वार्षिक बढ़त
रिपोर्ट में कहा गया है कि सितंबर में गोल्ड ईटीएफ के लिए नेट एयूएम बढ़कर 90,135.98 करोड़ रुपए हो गया, जो एक वर्ष पहले के 39,823.50 करोड़ रुपए से लगभग दोगुना है, जो कि 126.34% की वृद्धि को दर्शाता है. मासिक आधार पर नेट एयूएम इस वर्ष अगस्त के 72,495.60 करोड़ रुपए से 24.33% बढ़ा. आईसीआरए एनालिटिक्स के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और मार्केट डेटा हेड अश्विनी कुमार ने कहा, बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव, वैश्विक अनिश्चितताएं और समग्र गतिशील परिदृश्य सर्राफा की सुरक्षित निवेश अपील को बढ़ा रहे हैं.
फिजिकल गोल्ड पर भारी पड़ा गोल्ड ईटीएफ
इसके अलावा, निवेशक फिजिकल गोल्ड की तुलना में गोल्ड ईटीएफ को उनकी लिक्विडिटी, पारदर्शिता, लागत-प्रभावशीलता और व्यापार में आसानी के लिए पसंद करते हैं. कुमार ने कहा कि विभिन्न देशों में फिजिकल गोल्ड की मांग आम तौर पर बढ़ी है. यह मांग आगे भी जारी रहेगी और त्योहारी सीजन और उसके बाद निकट से मध्यावधि में सोने की कीमतों को स्थिर बनाए रखेगी. कुमार ने बताया कि ईटीएफ पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन, मुद्रास्फीति से सुरक्षा और कर दक्षता प्रदान करते हैं.
बाजार में 22 गोल्ड ईटीएफ उपलब्ध
विशेषज्ञों ने दिवाली के बाद आने वाले संभावित अल्पकालिक सुधारों के मद्देनज़र रणनीतिक और चरणबद्ध निवेश की सलाह दी है, जो निवेशकों के लिए आकर्षक अवसर प्रस्तुत कर सकते हैं. फिलहाल बाजार में 22 गोल्ड ईटीएफ उपलब्ध हैं, जिनमें से चार की शुरुआत वर्ष 2025 में हुई है. आईसीआरए एनालिटिक्स की रिपोर्ट के अनुसार, 30 सितंबर, 2025 तक गोल्ड ईटीएफ ने बीते एक वर्ष में औसतन 50.97%, तीन वर्षों में 30.36%, और पांच वर्षों में 16.93% का रिटर्न दर्ज किया है। वहीं, टॉप पांच फंड्स ने पांच वर्षीय चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) 16.95% से 17.23% के बीच हासिल की है.