भारत के औपचारिक क्षेत्र में जून 2025 के दौरान रोजगार सृजन स्थिर रहा. मई में दर्ज की गई मजबूत वृद्धि के बाद जून में जॉब पोस्टिंग (Job Posting) में केवल 0.6% की मामूली बढ़त देखी गई. इंडीड हायरिंग लैब (Indeed Hiring Lab) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, साल-दर-साल आधार पर भले ही जॉब पोस्टिंग में 4.8% की गिरावट दर्ज की गई हो, लेकिन ये आंकड़े अब भी कोरोना महामारी-पूर्व स्तर से लगभग 80% अधिक हैं. यह देश में औपचारिक नियुक्तियों की मजबूती और लचीलापन दर्शाता है. रिपोर्ट में बताया गया कि भले ही कुछ कंपनियाँ ऑफिस वर्क कल्चर की ओर वापसी का प्रयास कर रही हों, लेकिन रिमोट वर्क अब भी नौकरी चाहने वालों को आकर्षित कर रहा है.
वर्क फ्रॉम होम की मांग बरकरार
जून में कुल पोस्टिंग में से 8.7% में “वर्क फ्रॉम होम” या “हाइब्रिड वर्क” जैसे शब्द शामिल थे, जो इस बात का संकेत है कि लचीले कार्य विकल्पों की मांग अभी भी बनी हुई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले वर्ष की तुलना में इसमें 1% की वृद्धि हुई है, लेकिन यह 2020 के अपने पीक 11.3% से काफी नीचे है. शहरी क्षेत्रों में लंबी यात्राओं, ग्रामीण क्षेत्रों से शहरी या वैश्विक नौकरियों तक बढ़ती पहुंच और बेहतर डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के कारण रिमोट वर्क आकर्षक बना हुआ है, जिसे वैश्विक महामारी ने तेजी से बढ़ावा दिया है. इंडीड के एशिया-प्रशांत क्षेत्र के वरिष्ठ अर्थशास्त्री कैलम पिकरिंग ने कहा, हर महीने, भारतीय कार्यबल धीरे-धीरे अधिक औपचारिक कार्य व्यवस्थाओं की ओर बढ़ रहा है.
औपचारिक क्षेत्र में रोजगार की रफ्तार तेज
उन्होंने आगे कहा जैसे-जैसे देश में बदलाव आ रहा है, औपचारिक क्षेत्र में रोजगार सृजन देश भर में समग्र रोजगार वृद्धि से आगे निकल जाएगा, यह एक ऐसा रुझान है जो हम पिछले कुछ वर्षों से लगातार देख रहे हैं. पिछले तीन महीनों में लगभग सभी प्रमुख व्यावसायिक श्रेणियों में नौकरी की पोस्टिंग में वृद्धि हुई है. रिपोर्ट में कहा गया है, कृषि और वानिकी में सबसे अधिक वृद्धि हुई, जो 59% बढ़ी, इसके बाद 44% से अधिक वृद्धि के साथ पशु चिकित्सा, 36% वृद्धि के साथ चिकित्सा और 34% वृद्धि के साथ सौंदर्य एवं कल्याण का स्थान रहा.
कम्युनिटी सेवा और फार्मेसी क्षेत्र में गिरावट
पिछले तीन महीनों में कम्युनिटी एंड सोशल सर्विस और फार्मेसी रोल दो क्षेत्रों में नौकरियों की संख्या में गिरावट आई, इन क्षेत्रों में यह गिरावट क्रमश: 8.5% और 6.8% रही. रिपोर्ट के मुताबिक, भारत का श्रम बाजार अभी भी बड़ा और जटिल बना हुआ है और औपचारिक क्षेत्र देश के उच्च-उत्पादकता वाले रोजगार की ओर बदलाव को दर्शाता है.