केंद्रीय रेलवे और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnav) ने बुधवार को कहा, इस वित्त वर्ष में भारत से मोबाइल निर्यात में जोरदार शुरुआत हुई है और मई महीने में देश से 3.09 अरब डॉलर से अधिक का मोबाइल निर्यात हुआ है. इस वित्त वर्ष की अप्रैल-मई अवधि में देश में 5.5 अरब डॉलर मूल्य का मोबाइल निर्यात हुआ. उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (PLI) पहल जैसी सरकारी योजनाओं ने हाल के वर्षों में घरेलू विनिर्माण को बहुत जरूरी बढ़ावा दिया है, साथ ही एप्पल और सैमसंग जैसी वैश्विक तकनीकी दिग्गज कंपनियों ने देश में अपनी आपूर्ति श्रृंखलाओं को बढ़ाने पर दोगुना जोर दिया है.
अश्विनी वैष्णव के मुताबिक, मई में भारत से मोबाइल फोन का निर्यात पिछले वर्ष इसी महीने की तुलना में 74 प्रतिशत से अधिक बढ़ा है. केंद्रीय मंत्री ने एक्स सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट किया, “वित्त वर्ष 26 की मजबूत शुरुआत हुई: अकेले मई में 3 बिलियन डॉलर के स्मार्टफोन निर्यात (+74 प्रतिशत वार्षिक), अप्रैल-मई में 5.5 बिलियन डॉलर का निर्यात; और अप्रैल-मई में 8.2 बिलियन डॉलर के इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात (+47 प्रतिशत वार्षिक)”. यह शानदार वृद्धि इसलिए हासिल हुई है, क्योंकि भारत की प्रतिस्पर्धात्मकता उसे एप्पल जैसी प्रौद्योगिकी दिग्गजों के लिए स्वाभाविक पसंद बनाती है और अमेरिकी कंपनी ने सरकार को अपने उत्पादों के विनिर्माण और ‘मेक इन इंडिया’ पहल को बढ़ावा देने के लिए अपनी प्रतिबद्धता का आश्वासन दिया है. वै
ष्णव के मुताबिक, परिवर्तनकारी पीएलआई योजना के कारण भारत से इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात एक वित्त वर्ष के भीतर पांचवें स्थान से तीसरे स्थान पर पहुंच गया है. वित्त वर्ष 2025 में इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात 3.27 लाख करोड़ रुपये के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया, जबकि मोबाइल निर्यात 2 लाख करोड़ रुपये रहा. वैष्णव ने हाल ही में बताया, “इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात एक ही वित्त वर्ष में पांचवें स्थान से तीसरे स्थान पर पहुंच गया है. लगातार तीन वर्षों से इलेक्ट्रॉनिक्स भारत के शीर्ष 10 निर्यातों में सबसे तेजी से बढ़ने वाला निर्यात है.
उन्होंने आगे कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स पारिस्थितिकी तंत्र में लाखों नए रोजगार सृजित हुए हैं, विशेष रूप से महिलाओं के लिए, साथ ही “कौशल, डीवीए में वृद्धि और भारतीय एमएसएमई वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में शामिल हो रहे हैं”. इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण उद्योग ने पिछले 10 वर्षों में पांच गुना वृद्धि देखी है, जो 11 लाख करोड़ रुपये से अधिक है, जबकि पूरे पारिस्थितिकी तंत्र ने 25 लाख नौकरियां पैदा की हैं. पिछले दशक में, इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात छह गुना बढ़कर 3.25 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है. देश ने एप्पल जैसी बड़ी कंपनियों को “मेक इन इंडिया” का महत्व दिखाया है. हाल के वर्षों में देश एप्पल की वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला के लिए एक प्रमुख केंद्र बन गया है.