भारत के रेजिडेंशियल रियल एस्टेट बाजार में मुंबई ने 2025 की तीसरी तिमाही में शीर्ष स्थान हासिल किया है. साथ ही, शहर में औसत ऑफिस रेंट में सालाना आधार पर 11% की वृद्धि दर्ज की गई है. यह जानकारी नाइट फ्रैंक इंडिया द्वारा सोमवार को जारी की गई एक रिपोर्ट में सामने आई है. रिपोर्ट के अनुसार, Q3 2025 के दौरान मुंबई में 24,706 रेजिडेंशियल यूनिट्स की बिक्री हुई, जो कि पिछले वर्ष की समान तिमाही की तुलना में 2% अधिक है. रिपोर्ट में कहा गया कि यह प्रदर्शन अंतिम उपभोक्ता की ओर से आ रही लगातार स्थिर मांग को दिखाता है.
मुंबई में औसत घरों की कीमतों में देखी गई अच्छी वृद्धि
मुंबई में औसत घरों की कीमतों में अच्छी वृद्धि देखी गई, जो 2025 की तीसरी तिमाही में सालाना आधार पर 7% थी, इसका कारण 1 करोड़ रुपए से अधिक कीमत वाली संपत्तियों की मांग थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि मुंबई की मार्केट में नई लॉन्चिंग में नरमी आई है और यह सालाना आधार पर 19% घटकर 19,145 यूनिट्स रह गई. इसकी वजह डेवलपर्स की ओर से एग्जीक्यूशन पर अधिक ध्यान देना है. ऑफिस रेंट में हुई वृद्धि दिखाती है कि मुंबई में प्रीमियम ग्रेड के ऑफिस स्पेस की मांग बढ़ रही है और यह लगातार 13वीं तिमाही है, जब ऑफिस स्पेस में सालाना आधार पर स्थिर वृद्धि देखने को मिली है.
सालाना आधार पर 27% की गिरावट
FY25-26 की तीसरी तिमाही में मुंबई का कुल ऑफिस स्पेस वॉल्यूम 0.18 मिलियन वर्ग मीटर दर्ज किया गया, जो कि सालाना आधार पर 27% की गिरावट को दर्शाता है. हालांकि, नाइट फ्रैंक इंडिया के सीनियर एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर– रिसर्च, एडवाइजरी, इन्फ्रास्ट्रक्चर और वैल्यूएशन, गुलाम जिया ने बताया कि मुंबई का कमर्शियल रियल एस्टेट सेक्टर स्थिर बना हुआ है. उन्होंने कहा, “यह वृद्धि एक परिपक्व और संतुलित बाजार का संकेत है, जहां उच्च गुणवत्ता वाले ग्रेड-A ऑफिस स्पेस की मांग लगातार बनी हुई है, जो मुंबई को देश के एक प्रमुख कमर्शियल हब के रूप में स्थापित करता है. ”रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि इस तिमाही में मुंबई में 1.6 मिलियन वर्ग फीट नए ऑफिस स्पेस का निर्माण हुआ, जो कि वर्ष-दर-वर्ष 94% की उल्लेखनीय वृद्धि को दर्शाता है.
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