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भारत के शीर्ष 7 शहरों में कमर्शियल ऑफिस रियल एस्टेट सेक्टर लगातार मजबूत प्रदर्शन कर रहा है. रियल एस्टेट कंसल्टेंसी कंपनी एनारॉक की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, ऑफिस किराए में सालाना आधार पर लगभग 6% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. 2024 के शुरुआती नौ महीनों में औसतन 85 रुपए प्रति वर्ग फुट रहा किराया 2025 की समान अवधि में बढ़कर करीब 90 रुपए प्रति वर्ग फुट हो गया है. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि वैश्विक आर्थिक चुनौतियां, जैसे टैरिफ, भू-राजनीतिक तनाव और आईटी/आईटीईएस सेक्टर में छंटनी जैसी स्थितियों का भारत के शीर्ष शहरों में ऑफिस स्पेस की मांग पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ा है.
ऑफिस अब्सॉर्प्शन 2024 के पहले 9 महीनों में 31.31मिलियन वर्ग फुट से बढ़कर 2025 के पहले 9 महीनों में 42 मिलियन वर्ग फुट दर्ज किया गया है, जो कि 34% की वृद्धि दर्शाता है. वहीं, 2019 वर्ष की समान अवधि में इन्हीं टॉप 7 शहरों में नेट अब्सॉर्प्शन 32.26 मिलियन वर्ग फुट दर्ज किया गया था, जो कि 2025 की तुलना में 30% की वृद्धि दर्शाता है. जबकि 2019 एक ऐसा वर्ष था, जब ऑफिस की मांग सबसे उच्च बनी हुई थी. एनारॉक ग्रुप के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा कि टॉप 7 शहरों में ऑफिस स्पेस लीजिंग को बढ़ाने में जीसीसी की भूमिका अहम बनी हुई है.
उन्होंने जानकारी देते हुए कहा, 2025 के 9 महीनों की अवधि में 58.28 मिलियन वर्ग फुट की ग्रॉस ऑफिस लीजिंग में से 40%से भी अधिक 23.34 मिलियन वर्ग फुट केवल जीसीसी ने लीज पर लिया. वहीं, जीसीसी ने बेंगलुरू में सबसे अधिक 8.3 मिलियन वर्ग फुट की ग्रॉस लीजिंग की। इसके बाद 3.73 मिलियन वर्ग फुट के साथ पुणे और 3.57 मिलियन वर्ग फुट के साथ चेन्नई का स्थान रहा.
रिपोर्ट के अनुसार, नेट ऑफिस अब्सॉर्प्शन के मामले में पुणे ने सबसे उल्लेखनीय प्रदर्शन किया, जहां 97% की जबरदस्त वृद्धि दर्ज की गई. 2024 के शुरुआती नौ महीनों में जहां यह आंकड़ा 3.14 मिलियन वर्ग फुट था, वहीं 2025 की समान अवधि में यह बढ़कर लगभग 6.2 मिलियन वर्ग फुट पहुंच गया. वहीं, कोलकाता एकमात्र ऐसा शहर रहा जहां नेट ऑफिस लीजिंग में 19% की गिरावट दर्ज की गई. सबसे अधिक नेट ऑफिस लीजिंग के मामले में बेंगलुरू शीर्ष पर रहा, जहां यह आंकड़ा 9.95 मिलियन वर्ग फुट तक पहुंच गया, जबकि दिल्ली-एनसीआर 8.2 मिलियन वर्ग फुट के साथ दूसरे स्थान पर रहा.