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The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
स्थानीय इलेक्ट्रिक वाहन (EV) विनिर्माण को सरकारी प्रोत्साहन और इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश से बढ़ावा मिल रहा है. इसके साथ ही कई नीतिगत उपाय और इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार, बाजार को 2030 के लक्ष्य के करीब लाने में मदद कर रहे हैं. काउंटरपॉइंट के लेटेस्ट ‘इंडिया पैसेंजर व्हीकल मॉडल सेल्स ट्रैकर’ के मुताबिक, भारत के यात्री वाहन (PV) की बिक्री 2024 में सालाना आधार पर 4.6% बढ़कर 4.3 मिलियन यूनिट से अधिक हो गई. इस कुल पीवी बिक्री में बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों (बीईवी) की 2.5% हिस्सेदारी दर्ज की गई है, जो सालाना आधार पर 16% की वृद्धि को दर्शाता है.
यात्री बीईवी की बिक्री में वृद्धि का श्रेय कई नए मॉडलों के लॉन्च को दिया जा सकता है, जिनमें Tata Curve.EV, MG Windsor, BYD Seal, BYD Emax 7 और टाटा पंच.ईवी रिफ्रेश शामिल हैं. ईवी अपनाने के लिए भारत सरकार ने महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किए हैं. इस लक्ष्य के तहत 2030 तक यात्री वाहन सेगमेंट में 30%, संयुक्त दोपहिया और तिपहिया सेगमेंट में 80% और वाणिज्यिक वाहन सेगमेंट में 70% ईवी पेनिट्रेशन हासिल करना है.
ऑटोमोटिव बाजार विश्लेषक अभिक मुखर्जी के मुताबिक, ऑटोमोबाइल और उनके कंपोनेंट्स के लिए अमेरिकी टैरिफ बढ़ोतरी, भारत के बढ़ते कंपोनेंट निर्यात के लिए एक खतरा पैदा करती है. हालांकि, यह दूसरे बाजारों में कंपोनेंट निर्यात बढ़ाने का भी अवसर पैदा करता है. भारत की सबसे बड़ी पीवी कंपनी मारुति सुजुकी और अंतर्राष्ट्रीय बीईवी स्पेशलिस्ट टेस्ला और विनफास्ट के प्रतिस्पर्धी मूल्य वाले किफायती और प्रीमियम मॉडल के साथ भारतीय बाजार में प्रवेश करने जा रहे हैं.
इससे 2025 के अंत तक पीवी बाजार के 5% हिस्से पर बीईवी का कब्जा होने का अनुमान है. उन्होंने आगे कहा कि दोपहिया सेगमेंट में ईवी अपनाने की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है. 2024 में कुल दोपहिया वाहनों की बिक्री में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की हिस्सेदारी 6.2% रही, जो कि पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 36% की वृद्धि को दर्शाता है.
प्रोत्साहनों और कर छूटों के कारण इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों का इस्तेमाल अंतिम मील डिलीवरी और माइक्रो-मोबिलिटी एप्लीकेशन के लिए तेजी से किया जा रहा है. रिपोर्ट में कहा गया है, फूड डिलिवरी और क्विक कॉमर्स कंपनियां अधिक सस्टेनेबल और हरित भविष्य को बढ़ावा देने के लिए इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के इस्तेमाल का विस्तार कर रही हैं.
इसके अलावा, शहरी यात्री अपनी दैनिक यात्रा जरूरतों के लिए पारंपरिक पावरट्रेन की तुलना में ईवी को प्राथमिकता दे रहे हैं. जबकि वाणिज्यिक वाहन (सीवी) सेगमेंट में ईवी की पहुंच अपेक्षाकृत कम है, इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर कैटेगरी बदलाव का नेतृत्व कर रही है. 2024 में इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर (Electric Three-Wheeler) की हिस्सेदारी थ्री-व्हीलर कैटेगरी में 55% थी, जिसका अर्थ है कि खरीदा गया हर दूसरा थ्री-व्हीलर ईवी था.