अगले तीन वित्त वर्षों में निजी कंपनियां अपने निवेश का करेंगी विस्तार: Report

Shivam
Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Must Read
Shivam
Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
भारत में अगले तीन वित्त वर्षों में थर्मल पावर उत्पादन क्षमता (Thermal Power Generation Capacity) स्थापित करने के लिए निवेश पिछले तीन वित्त वर्षों की तुलना में दोगुना होकर 2.3 लाख करोड़ रुपए हो जाएगा. बुधवार को जारी की गई एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. क्रिसिल रेटिंग्स ने बताया गया है कि भारत की बढ़ती ऊर्जा मांग और बेस लोड बिजली की आवश्यकता को पूरा करने में मदद के लिए इस क्षेत्र पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित किया जा रहा है.

अगले तीन वित्त वर्षों में निजी कंपनियां अपने निवेश का करेंगी विस्तार

रिपोर्ट में कहा गया कि अगले तीन वित्त वर्षों में निजी कंपनियां अपने निवेश का विस्तार करेंगी और करीब एक तिहाई का योगदान देंगी, जबकि शेष राशि केंद्रीय और राज्य सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की होगी. पिछले तीन वित्त वर्षों में निजी कंपनियों ने इस क्षेत्र में कुल निवेश में केवल 7-8% का योगदान दिया है. सरकार ने FY32 तक थर्मल एनर्जी क्षमता में कम से कम 80 गीगावाट की वृद्धि का लक्ष्य रखा है.

निजी कंपनियां लगभग 19 गीगावाट क्षमता करेंगी स्थापित

रिपोर्ट के मुताबिक, वर्तमान में लगभग 60 गीगावाट की घोषणा की जा चुकी है या यह कार्यान्वयन के विभिन्न चरणों में है, जिसमें निजी कंपनियां लगभग 19 गीगावाट क्षमता स्थापित करेंगी. अधिकांश निजी क्षमताएं वित्त वर्ष 2028 के बाद ही चालू होंगी. रिपोर्ट में कहा गया है, हालांकि इनमें से अधिकांश ब्राउनफील्ड विस्तार हैं, जिनमें कार्यान्वयन जोखिम कम हैं, उपकरणों की समय पर डिलीवरी मुख्य रूप से बॉयलर और टर्बाइन सीमित आपूर्ति क्षमता और प्रमुख निर्माताओं के पास ऑर्डरों की पर्याप्त वृद्धि को देखते हुए, निगरानी योग्य बनी हुई है.

FY28 तक ऊर्जा की मांग 2,000 अरब यूनिट तक पहुंचने की उम्मीद

क्रिसिल रेटिंग्स के डिप्टी चीफ रेटिंग ऑफिसर मनीष गुप्ता (Manish Gupta) ने कहा, FY28 तक ऊर्जा की मांग 5.5% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर से बढ़कर 2,000 अरब यूनिट तक पहुंचने की उम्मीद है. लगभग 70% वृद्धिशील मांग नवीकरणीय स्रोतों से पूरी की जाएगी. हालांकि, नवीकरणीय ऊर्जा की उपलब्धता अनियमित होने के कारण (सौर ऊर्जा केवल दिन के समय उपलब्ध होती है, जबकि पवन ऊर्जा मई से सितंबर तक केंद्रित रहती है.) उन्होंने आगे कहा कि बेस लोड की मांग को लगातार पूरा करने के लिए ताप विद्युत महत्वपूर्ण बनी हुई है.

पीपीए ने 6.1 गीगावाट के लिए जताई प्रतिबद्धता

रिपोर्ट में बताया गया कि चार राज्यों में वितरण कंपनियों ने 9-10 साल के अंतराल के बाद निजी क्षेत्र के उत्पादकों को 25-वर्षीय थर्मल पावर क्रय समझौते (PPA) देना फिर से शुरू कर दिया है. पीपीए ने वर्तमान में संचालित 19 गीगावाट की निजी परियोजनाओं में से 6.1 गीगावाट के लिए प्रतिबद्धता जताई है, जबकि शेष अधिकांश परियोजनाएं विभिन्न चरणों में पूरी हो रही हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, इससे यह स्पष्ट होता है कि वितरण कंपनियां उठाव जोखिम को कम करने के लिए दीर्घकालिक आधार पर थर्मल पावर के लिए प्रतिबद्धता जताने का इरादा रखती हैं.
Latest News

वाराणसी में कांवड़ यात्रा और मुहर्रम को लेकर सीएम योगी ने कहा- ‘लातों के भूत, बातों से नहीं मानते’

Yogi Adityanath : यूपी के सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने मुहर्रम और सावन का जिक्र करते हुए बड़ा बयान दिया...

More Articles Like This