भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने चालू FY26 और अगले FY27 के लिए महंगाई दर के अनुमान किए थे, लेकिन भारतीय स्टेट बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, महंगाई दर इन अनुमानों से कम रहने की संभावना है. रिपोर्ट में बताया गया है कि आरबीआई की नीति को केवल मौद्रिक नीति के रूप में नहीं, बल्कि एक नियामक नीति के रूप में देखा जाना चाहिए, जो भारत की विशिष्ट आर्थिक स्थिति को दर्शाता है.
एसबीआई ने महंगाई में कमी के पीछे कई कारणों का हवाला दिया है, जिनमें मानसून की बेहतर स्थिति, जलाशयों में पर्याप्त जल स्तर, खाद्यान्न का पर्याप्त भंडार और जीएसटी सुधार शामिल हैं.
FY27 में उम्मीद से कम रहेगी महंगाई दर
यह सभी कारक मिलकर उम्मीद से अधिक तेजी से महंगाई को कम रहे हैं. आरबीआई की ओर से FY26 के लिए खुदरा महंगाई दर के अनुमान को 50 आधार अंक घटाकर 2.6% कर दिया गया है. यह अप्रैल के अनुमान से 160 आधार अंक कम है. हालांकि, एसबीआई का मानना है कि वित्त वर्ष 26 और FY27 में महंगाई दर उम्मीद से कम रहेगी. केंद्रीय गवर्नर ने वित्त वर्ष 26 (चालू वित्त वर्ष) के लिए रिटेल महंगाई दर के अनुमान को घटाकर 2.6% कर दिया, जो कि अगस्त 3.1% पर था.
FY27 की पहली तिमाही में 4.5% तक पहुंच सकती है महंगाई दर
चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के लिए महंगाई दर के अनुमान को 2.1% से घटाकर 1.8% कर दिया गया है. तीसरी तिमाही का अनुमान भी 3.1% से घटाकर 1.8% कर दिया गया है, जबकि चौथी तिमाही के लिए यह अनुमान 4% रखा गया है. आरबीआई ने यह भी बताया है कि FY27 की पहली तिमाही में महंगाई दर 4.5% तक पहुंच सकती है. इसके साथ ही, अक्टूबर की मौद्रिक नीति समीक्षा में आरबीआई ने FY26 के लिए जीडीपी विकास दर के अनुमान को बढ़ाकर 6.8% कर दिया है.
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि वैश्विक अनिश्चितताओं और अस्थिर बाजारों को देखते हुए, मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) द्वारा दरों को अपरिवर्तित रखने का निर्णय तर्कसंगत प्रतीत होता है. इसमें यह भी कहा गया है कि आरबीआई का संचार अपेक्षाओं को दिशा देने और उसकी नीतिगत दिशा में स्पष्टता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
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