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मार्केट रेगुलेटर सेबी (Securities and Exchange Board of India) ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के नॉन-बेंचमार्क इंडेक्स जैसे निफ्टी बैंक में बदलाव किए हैं. इसमें शेयरों की संख्या बढ़ाई गई है और बड़े स्टॉक्स का वेटेज सीमित कर दिया गया है. सेबी का कहना है कि इस कदम से किसी एक इंडेक्स में कुछ शेयरों का अधिक वेटेज होने की समस्या दूर होगी और इंडेक्स का प्रतिनिधित्व व्यापक और संतुलित रहेगा.
नए नियमों के तहत अब एक इंडेक्स में 14 शेयर होंगे, जबकि पहले इनकी संख्या 12 थी. एक शेयर का योगदान 20 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकता है, जो कि पहले 33% था. इसके अलावा, अब किसी इंडेक्स में तीन बड़े शेयरों का वेटेज या योगदान 45% से अधिक नहीं हो सकता है, जो कि पहले 62% था. सेबी के नए नियमों का असर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के बैंकएक्स और एनएसई के फिननिफ्टी इंडेक्स पर भी हो सकता है और आने वाले समय में इन इंडेक्स में एडजस्टमेंट देखने को मिल सकता है.
नए नियमों के लागू होने के बाद, बैंक निफ्टी में पहला एडजस्टमेंट दिसंबर 2025 में किया जा सकता है, जिसके बाद तीन अतिरिक्त रीबैलेंसिंग राउंड्स भी देखने को मिल सकते हैं. सेबी के अनुसार, नॉन-बेंचमार्क इंडेक्स पर डेरिवेटिव्स के नए नियम निवेशकों और फंड्स के लिए जोखिम को कम करेंगे. बयान में कहा गया है कि नियमों का पालन बैंकइंडेक्स और फिननिफ्टी दोनों के लिए एक ही चरण में शेयरों की संख्या और वेटेज में बदलाव के माध्यम से किया जा सकता है.
वर्तमान में बैंक निफ्टी में शामिल हैं: आईडीएफसी फर्स्ट बैंक, केनरा बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, फेडरल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक, एक्सिस बैंक, इंडसइंड बैंक, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक.