केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने की ‘विकसित भारत 2047’ मिशन को ध्यान में रख टैलेंट और क्षमता निर्माण को बढ़ावा देने की अपील

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
केंद्रीय रेल और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnav) ने ‘विकसित भारत 2047’ मिशन को ध्यान में रख टैलेंट और क्षमता निर्माण को बढ़ावा देने की अपील की है. मंत्री अश्विनी वैष्णव ने उद्योग जगत के नेताओं और शिक्षाविदों की एक राउंडटेबल बैठक को संबोधित करते हुए हितधारकों से भारत के विनिर्माण विकास को गति देने के लिए फ्यूचर-रेडी वर्कफोर्स को बेहतर बनाने का आग्रह किया.
राउंडटेबल बैठक में वैश्विक परिप्रेक्ष्य को स्थानीय कार्रवाई के साथ जोड़ते हुए टैलेंट डेवलपमेंट, सस्टेनेबल मैन्युफैक्चरिंग के लिए क्षमता निर्माण पर ध्यान केंद्रित किया गया. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक नए सेक्टर, मैन्युफैक्चरिंग; इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी (MET) के उद्भव की प्रशंसा की. यह सेक्टर NAMTECH (न्यू एज मेकर्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी), मेट इनोवेशन स्कूल की एक पहल है.
इस पहल का उद्देश्य इंडस्ट्री 4.0 और उससे आगे की मांगों को पूरा करना है. विशेष रूप से उभरती टेक्नोलॉजी में टैलेंट की कमी को दूर करना और भारत में परिवर्तनकारी बदलाव लाने में सक्षम हाई-स्किल्ड वर्कफोर्स; फ्यूचर लीडर्स को तैयार करना इस पहल के उद्देश्यों में शामिल है. मंत्री वैष्णव ने कार्यक्रम में एमआईटी प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया और उन्हें विश्व स्तर पर बेहतरीन संस्थानों में से एक बताया, जिसकी कल्पना एडवांस मैन्युफैक्चरिंग के लिए विश्व स्तरीय संस्थान के रूप में की गई है.
उन्होंने सुजुकी, सीमेंस, एबीबी, आईनॉक्स जैसे भारतीय उद्योग जगत के नेताओं को भी धन्यवाद दिया और इस बात पर जोर दिया कि NAMTECH को वास्तव में प्रभावशाली बनाने और प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप बनाने के लिए उद्योग की भागीदारी आवश्यक है. सरकार ने इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन, एआई मिशन, नेशनल रोबोटिक्स स्ट्रेटेजी, मोबिलिटी मैन्युफैक्चरिंग मिशन और नेशनल हाइड्रोजन मिशन सहित कई लीडिंग मिशन शुरू किए हैं, जो एडवांस टेक्नोलॉजी के विकास और अडॉप्शन को दी जा रही प्राथमिकता को दर्शाते हैं.
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय एक ऐसे इकोसिस्टम को सपोर्ट करना जारी रखता है, जहां महत्वपूर्ण स्किल गैप को कम करने, एडवांस टेक्नोलॉजी एजुकेशन को लोकतांत्रिक बनाने और इलेक्ट्रॉनिक्स; विनिर्माण क्षेत्रों में भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धा को बनाए रखने में योगदान दिया जाता है. इस कार्यक्रम में एनएएमटीईसीएच और गति शक्ति विश्वविद्यालय (GSV), वडोदरा के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर भी हुए.

More Articles Like This

Exit mobile version