मई 2025 में यूनीफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) से लेनदेन, संख्या के हिसाब से 18.68 अरब और मूल्य के हिसाब से 25.14 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया. यह अप्रैल 2016 में डिजिटल भुगतान व्यवस्था लागू होने के बाद से अब तक का सर्वोच्च स्तर है. भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (National Payments Corporation of India) की ओर से रविवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक मई महीने के आंकड़े अप्रैल के संख्या के हिसाब से 17.89 अरब लेनदेन और मूल्य के हिसाब से 23.95 लाख करोड़ रुपये के लेनदेन से क्रमशः 4 प्रतिशत और 5 प्रतिशत ज्यादा हैं.
संख्या के हिसाब से लेनदेन पिछले साल की समान अवधि की तुलना में मई 2025 में 33% बढ़ी है, जबकि मूल्य के अनुसार 23% वृद्धि हुई है. इसके पहले संख्या के हिसाब से लेनदेन मार्च 2025 में 18.3 अरब के शीर्ष पर और मूल्य के हिसाब से 24.77 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड पर पहुंचा था. इस साल मई में रोजाना लेनदेन की संख्या भी बढ़कर 60.2 करोड़ हो गई, जो अप्रैल में 59.6 करोड़ थी.
मू्ल्य के हिसाब से देखें तो यह अप्रैल के 79,831 करोड़ रुपये से बढ़कर मई में 81,106 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. मई में इमीडिएट पेमेंट सर्विस (IMPS) से 46.4 करोड़ भुगतान हुआ है, जो अप्रैल के 44.9 करोड़ की तुलना में 3% ज्यादा है. आईएमपीएस ट्रांजैक्शन मूल्य के हिसाब से भी 3% बढ़ा है और अप्रैल के 6.33 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर मई मं 6.41 लाख करोड़ रुपये हो गया है. यह मार्च में 46.2 करोड़ और 6.67 लाख करोड़ रुपये था.
इस माह के दौरान फास्टैग से लेनदेन संख्या के हिसाब से 5% बढ़कर 40.4 करोड़ हो गया, जो अप्रैल में 38.3 करोड़ था. मूल्य के हिसाब से भी लेनदेन 4% बढ़कर 7,087 करोड़ रुपये हो गया, जो अप्रैल में 6,801 करोड़ रुपये था. मार्च में यह क्रमशः 37.9 करोड़ और 6,800 करोड़ रुपये था. मई 2024 की तुलना में मई 2025 में फास्टैग की संख्या 16% और मूल्य 20% बढ़ा है.
रोजना लेनदेन 127.5 लाख से बढ़कर 130.5 लाख हो गया है और इसका मूल्य 227 करोड़ रुपये से बढ़कर 229 करोड़ रुपये हो गया है. समीक्षाधीन महीने में आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (AEPS) से लेनदेन भी संख्या के हिसाब से 11% बढ़कर 10.5 करोड़ हो गई, जो अप्रैल के 9.5 करोड़ से ज्यादा है. मूल्य के हिसाब से इस महीने मई में लेनदेन 28,703 करोड़ रुपये रहा, जो अप्रैल के 26,618 करोड़ रुपये से 8 प्रतिशत ज्यादा है.