सितंबर 2025 में यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) के जरिए किए गए लेनदेन की संख्या में 31% की सालाना बढ़ोतरी दर्ज की गई है. इस दौरान कुल 19.63 अरब ट्रांजैक्शन हुए. वहीं, UPI लेनदेन की कुल वैल्यू भी 21% बढ़कर 24.90 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गई. यह जानकारी नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने बुधवार को जारी की. मासिक आधार पर भी हल्की बढ़त देखने को मिली है. अगस्त 2025 में UPI लेनदेन की वैल्यू 24.85 लाख करोड़ रुपए थी, जो सितंबर में बढ़कर 24.90 लाख करोड़ हो गई.
अगस्त में UPI ने 20 अरब मासिक लेनदेन का आंकड़ा किया था पार
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के अनुसार, सितंबर 2025 में UPI के औसत दैनिक लेनदेन का मूल्य बढ़कर ₹82,991 करोड़ हो गया, जबकि अगस्त में यह ₹80,177 करोड़ था. इसी तरह, प्रति दिन औसत लेनदेन की संख्या भी बढ़कर 65.4 करोड़ हो गई, जो अगस्त में 64.5 करोड़ थी. उल्लेखनीय है कि अगस्त में UPI ने पहली बार 20 अरब मासिक लेनदेन का आंकड़ा पार किया था और 2 अगस्त को रिकॉर्ड 70 करोड़ से ज्यादा ट्रांजैक्शन दर्ज किए गए थे. इसके साथ ही, NPCI ने पर्सन-टू-मर्चेंट (P2M) लेनदेन की कुछ श्रेणियों के लिए 24 घंटे की सीमा बढ़ाकर ₹10 लाख कर दी है.
24 घंटे की सीमा 6 लाख रुपए निर्धारित
इस कदम उद्देश्य यूपीआई के जरिए हाई वैल्यू लेनदेन को बढ़ाना है. हालांकि, एनपीसीआई ने पर्सन-टू-पर्सन (पी2पी) के लिए लिमिट को एक लाख रुपए प्रति दिन पर बरकरार रखा था. अब एक लेनदेन में 5 लाख रुपए तक के क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान यूपीआई के जरिए करने की अनुमति है, हालांकि 24 घंटे की सीमा 6 लाख रुपए निर्धारित की गई है. नए फ्रेमवर्क के तहत, कैपिटल मार्केट और इंश्योरेंस पेमेंट के लिए प्रति लेनदेन सीमा 2 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर दी गई है, जबकि दैनिक सीमा 10 लाख रुपए है.
सरकारी ई-मार्केटप्लेस लेनदेन की सीमा 1 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए प्रति लेनदेन कर दी गई है. यात्रा बुकिंग, ऋण चुकौती और ईएमआई संग्रह के लिए प्रति लेनदेन सीमा भी 1 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर दी गई है.
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