New Delhi: असम में पाकिस्तान के आतंकी मंसूबों को साकार करने की साजिश रचने वाले आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) ने बुधवार को यह जानकारी दी. जांच में साबित हुआ कि आरोपी ने सह-आरोपियों के साथ मिलकर कथित तौर पर भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की आपराधिक साजिश रची थी. कथित तौर पर विभिन्न हिंदू मंदिरों को निशाना बनाने की फिराक में था.
तीन अलग-अलग मामलों में दोषी
एजेंसी ने कहा कि असम के गुवाहाटी में NIA की विशेष अदालत ने मोहम्मद कमरुज जमान उर्फ कमरुद्दीन को आतंकवाद-रोधी कानून के तहत तीन अलग-अलग मामलों में दोषी ठहराया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई. सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी. अदालत ने जमान पर तीनों मामलों में पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना अदा नहीं करने पर प्रत्येक मामले में तीन महीने के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी.
आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने का दोषी
NIA ने एक बयान में कहा कि जमान को 2017-18 के दौरान असम में प्रतिबंधित आतंकी संगठन हिज्ब-उल-मुजाहिदीन (एचएम) का मॉड्यूल खड़ा कर आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने का दोषी ठहराया गया. एजेंसी ने कहा कि साजिश का उद्देश्य लोगों के मन में दहशत फैलाना था. जांच के अनुसार जमान ने इस उद्देश्य से शहनवाज आलम, सईदुल आलम, उमर फारूक और कुछ अन्य लोगों की भर्ती की थी. NIA ने मार्च 2019 में चारों आरोपियों समेत कुल पांच लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था.
पांचवे आरोपी की मुकदमे के दौरान बीमारी से मौत
NIA ने बताया कि शहनवाज, सईदुल और उमर ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया था, जिसके बाद उन्हें दोषी ठहराया गया जबकि पांचवे आरोपी जयनाल उद्दीन की मुकदमे के दौरान बीमारी से मौत हो गई. NIA ने 2018 में मामले की जांच लखनऊ के आतंकवाद रोधी दस्ते से अपने हाथों में ले ली थी. जिसके बाद दोबारा मामला दर्ज किया गया. मामले में पांच आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया गया था.
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