Iran-Israel War: रविवार को अमेरिका ने ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों की तीन इकाइयों पर अपने B2 बॉम्बर्स से वार किया. इस हमले से ईरान में बड़ी तबाही मची है. इस हमले के बाद ईरान ने बड़ा बयान दिया है और कहा है कि अमेरिका ने देश के परमाणु कार्यक्रम पर हमला कर “कूटनीति को नष्ट करने का फैसला किया” और अब ईरानी सेना “अमेरिका पर ईरान की उचित प्रतिक्रिया के समय, प्रकृति और पैमाने” को तय करेगी.
ईरान के संयुक्त राष्ट्र राजदूत आमिर सईद इरावानी ने रविवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक आपातकालीन बैठक में कहा कि अमेरिका द्वारा उसके तीन परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमला करने के बाद “ईरान ने युद्धोन्मादी अमेरिकी शासन को बार-बार चेतावनी दी थी कि वह इस दलदल में न फंसे.” उन्होंने कहा कि अमेरिका ने ईरान के परमाणु स्थलों पर हमला करके “कूटनीति को नष्ट करने का फैसला किया और अब ईरानी सेना “ईरान की उचित प्रतिक्रिया के समय, प्रकृति और पैमाने” को तय करेगी. राजदूत ने बैठक में कहा, “हम सभी आवश्यक उपाय करेंगे.”
इरावानी ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को पश्चिम का “घटिया काम” करने और अमेरिकी विदेश नीति को हाईजैक करने में सफल होने का आरोप लगाया, जिससे संयुक्त राज्य अमेरिका एक और महंगे और निराधार युद्ध में फंस गया है.” उन्होंने ईरान के खिलाफ अमेरिका और इजरायल की आक्रामकता को “अंतर्राष्ट्रीय कानून का स्पष्ट और घोर उल्लंघन” कहा.
इरावानी ने कहा कि इस सप्ताह ईरान के विदेश मंत्री ने कई यूरोपीय समकक्षों के साथ बातचीत की, “संयुक्त राज्य अमेरिका ने उस कूटनीति को नष्ट करने का फैसला किया.” उन्होंने पूछा, “इस स्थिति से क्या निष्कर्ष निकाला जा सकता है? पश्चिमी देशों के दृष्टिकोण से, ईरान को ‘बातचीत की मेज पर वापस लौटना चाहिए’. लेकिन, जैसा कि ईरान के विदेश मंत्री ने उल्लेख किया, ‘ईरान किसी ऐसी चीज़ पर वापस कैसे लौट सकता है जिसे उसने कभी छोड़ा ही नहीं, अकेले छोड़ दें.’