Jashpur Shocking Case: छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले से पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े करने वाला एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. जिस युवक की हत्या का केस सुलझाने का दावा करते हुए पुलिस ने चार लोगों को जेल भेज दिया था, वही युवक दो महीने बाद जिंदा हालत में खुद थाने पहुंच गया. ‘मृत’ माने जा रहे युवक को सामने देखकर पुलिस अधिकारियों के होश उड़ गए और पूरा मामला पलभर में उलझ गया.
क्या था मामला?
यह मामला सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र के ग्राम सिटोंगा से जुड़ा है. बीते 22 अक्टूबर को पुरना नगर और बालाछापर के बीच स्थित जंगल में पुलिस को एक अधजला शव बरामद हुआ था. उस समय शव की पहचान सिटोंगा निवासी 30 वर्षीय सीमित खाखा के रूप में कर दी गई थी.
पुलिस ने 4 लोगों को भेज दिया था जेल
पुलिस ने तेजी दिखाते हुए 2 नवंबर को इस कथित हत्याकांड का खुलासा करने का दावा किया था. पुलिस की कहानी के अनुसार, सीमित खाखा अपने साथियों के साथ झारखंड गया था, जहां कमीशन को लेकर हुए विवाद में उसकी हत्या कर दी गई. आरोप था कि रामजीत राम और विरेंद्र राम ने चाकू और रॉड से उस पर हमला किया और बाद में शव पर पेट्रोल डालकर जला दिया. इस मामले में तीन युवकों और एक नाबालिग को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था. इतना ही नहीं, पुलिस ने पूरे घटनाक्रम का क्राइम सीन रीक्रिएशन भी कराया था.
शनिवार की रात हुआ ‘चमत्कार’ इस पूरी पुलिसिया कहानी में शनिवार की रात तब ट्विस्ट आ गया, जब ‘मृतक’ सीमित खाखा ग्राम पंचायत की सरपंच कल्पना लकड़ा के साथ जिंदा कोतवाली थाने पहुंच गया. सीमित ने बताया कि वह रोजगार की तलाश में झारखंड गया था, जहां वह साथियों से बिछड़ गया. इसके बाद वह गिरिडीह जिले में मजदूरी करने लगा. मोबाइल न होने के कारण उसका संपर्क घर से टूट गया था. अब वह क्रिसमस मनाने घर लौटा है.
वो लाश किसकी थी?
सीमित के जिंदा लौट आने के बाद अब कई बड़े सवाल खड़े हो गए हैं. जंगल में मिली वह अधजली लाश आखिर किसकी थी? पुलिस ने किस आधार पर उसकी पहचान सीमित के रूप में कर ली? और सबसे अहम सवाल यह है कि जब हत्या हुई ही नहीं थी, तो जेल में बंद चारों लोगों ने पुलिस के सामने अपराध कबूल कैसे कर लिया? फिलहाल इन तमाम सवालों पर पुलिस के पास कोई ठोस जवाब नहीं है.
यह भी पढ़े: जनता दर्शन में CM योगी ने सुनीं फरियादियों की समस्याएं, अफसरों को दिए निर्देश