जम्मूः बीते गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के अंतर्गत किश्तवाड़ के गांव चिसौती में बादल फटने की घटना हुई थी. इस घटना में 60 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 100 से ज्यादा घायल हैं. मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इसकी जानकारी दी है. वहीं, बचाव कार्य तेज कर दिया गया है. जानकारी के मुताबिक, मचेल गांव में हजारों लोग अभी फंसे हुए हैं. इन्हें निकालने के लिए एडीआरएफ और अर्धसैनिक बल के जवान जुटे हुए हैं.
अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की एक टीम शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में बादल फटने से प्रभावित चिसोती गांव पहुंची. इस बीच 167 लोगों को बचाया गया है. वहीं, शुक्रवार को उमर अब्दुल्ला ने बताया कि मृतकों की संख्या 60 पहुंच गई है, जबकि 100 से ज्यादा लोगों घायल हैं.
किश्तवाड़ के उपायुक्त पंकज शर्मा ने बताया
किश्तवाड़ के उपायुक्त पंकज शर्मा ने बताया कि NDRF की टीम गांव में चल रहे अभियान में शामिल हो रही है. वे देर रात गुलाबगढ़ पहुंच गए हैं. अभियान की निगरानी कर रहे शर्मा ने कहा कि खराब मौसम की वजह से हेलीकॉप्टर नहीं चल सके, इसलिए टीम उधमपुर से सड़क मार्ग से आई. अधिकारियों ने बताया कि दो और टीमें रास्ते में हैं और ज्यादा नुकसान होने की वजह से वे भी अभियान में शामिल होंगी.
उन्होंने बताया कि सेना ने खोज और बचाव अभियान को तेज करने के लिए एक और टुकड़ी भी शामिल की है. अभियान में राष्ट्रीय राइफल्स के जवान भी शामिल हो गए हैं. अधिकारी ने बताया कि 60-60 जवानों वाली पांच टुकड़ियां, कुल 300 जवान, व्हाइट नाइट कोर की चिकित्सा टुकड़ियों के साथ, ज़मीन पर मौजूद हैं और पुलिस, एसडीआरएफ और अन्य नागरिक एजेंसियों के साथ मिलकर लोगों की जान बचाने और ज़रूरतमंदों की मदद करने के लिए अथक प्रयास कर रही हैं.
जब तक लोग कुछ समझ पाते, सैलाब बहा ले गई सबकुछ
मालूम हो कि बीते गुरुवार को जम्मू के किश्तवाड़ से तकरीबन 90 किलोमीटर दूर चशौती गांव के मचैल माता मंदिर में बादल फट गया. तकरीबन नौ हजार फीट की ऊंचाई पर मौजूद मचैल माता मंदिर जाने के लिए यहां से करीब आठ किलोमीटर पैदल चढ़ाई करनी पड़ती है. आपदा के समय बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां टैंटों में रुके हुए थे, तभी बादल फटने से अचानक पानी का सैलाब आया. जब तक लोग कुछ समझ पाते, इससे पहले ही सैलाब सब कुछ बहा ले गया.