पटना गांधी मैदान विस्फोट केस: उम्रकैद में बदली 4 दोषियों की मौत की सजा, HC ने सुनाया फैसला

Ved Prakash Sharma
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

पटनाः पटना हाई कोर्ट ने वर्ष 2013 में पटना के गांधी मैदान में हुए विस्फोट प्रकरण में बुधवार को चार दोषियों की मृत्युदंड की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया. मालूम हो कि चारों दोषियों (इम्तियाज, हैदर अली, मोजिबुल्लाह, और नोमान) को पहले सिविल कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई थी.

हाई कोर्ट ने उनकी सजा कुछ कम कर दी है. उन चारों के साथ दोषी पाए गए उमर और अजहरुद्दीन को निचली अदालत से आजीवन कारावास की सजा हुई थी. हाई कोर्ट ने उसे बरकरार रखा है. उल्लेखनीय है कि निचली अदालत ने इस घटना को ‘रेयर ऑफ द रेयरेस्ट’ बताया था.

पटना के गांधी मैदान में 2013 में हुआ था विस्फोट
मालूम हो कि पटना के गांधी मैदान में 27 अक्टूबर 2013 को विस्फोट हुआ था. उस वक्त 2014 के लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार के क्रम में नरेन्द्र मोदी पटना पहुंचे थे. गांधी मैदान में उनकी हुंकार रैली हो रही थी. उसी दौरान पटना जंक्शन के प्लेटफॉर्म संख्या 10 स्थित सुलभ शौचालय के पास पहला बम विस्फोट हुआ था. उसके बाद गांधी मैदान में और आसपास 6 स्थानों पर एक-एक कार 6 विस्फोट हुए थे. इस घटना में 6 लोगों की मौत हुई थी और 89 लोग घायल हुए थे.

नवम्बर 2021 में एनआईए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश गुरुविंदर सिंह मल्होत्रा ने गांधी मैदान में सीरियल बम विस्फोट के मामले में दोषी करार दिए गए नौ आतंकियों में से 4 को फांसी, दो को उम्रकैद और दो अन्य को दस-दस साल की कैद और एक को सात साल की कैद की सजा सुनाई थी.

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