प्रयागराज करछना हिंसा: एक्शन में पुलिस, 600 लोगों के खिलाफ FIR, 50 गिरफ्तार

Ved Prakash Sharma
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के करछना में हुई हिंसा को लेकर पुलिस प्रशासन एक्शन मोड पर आ गई है. हिंसा मामले में करीब 600 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है. 50 लोगों को गिरफ्तार कर किया गया है. पुलिस अन्य की तलाश में जुटी हैं.

प्रयागराज के करछना में हुई हिंसा मामले में पुलिस ने अब तक पचास लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस का कहना है कि यह हिंसा साजिश के तहत की गई. उपद्रवी हिंसा के लिए साथ में लाठी, डंडे, पत्थर और बोतलों में पेट्रोल भरकर लाए थे.

उपद्रवियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की 15 टीमें लगी हैं. उपद्रवियों पर NSA लगाया जाएगा. कल की हिंसा में जो गाड़िया जलाई गई हैं, जो संपत्ति का नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई उपद्रवियों से की जाएगी.

रछना के ईसौटा गांव में भी तनाव

ऐसी खबर आ रही है कि रछना के ईसौटा गांव में भी तनाव व्याप्त है. इस गांव के देवी शंकर को अप्रैल में जलाकर मार डाला गया था, जिसमें नौ लोग अरेस्ट हुए थे, जिनमें आठ ठाकुर थे और एक तेली था. देवी शंकर के घर में तीन बच्चे और देवी शंकर के बूढ़े मां-बाप हैं. देवी शंकर के घर वालों का कहना है कि उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई.

उनको दो बिसंवा जमीन मुआवजे में मिली है, जो ठाकुर आबादी के बीच है. घर वाले आवास, पेंशन, बच्चों को शिक्षा और पांच लाख रुपये, सुरक्षा की मांग कर रहे हैं. देवी शंकर के भांजे नागेंद्र का कहना है कि सरकार में कोई सुनवाई नहीं हो रही थी, इसलिए चन्द्रशेखर आजाद को बुलाया था.

चंद्रशेखर आजाद को जब पुलिस ने कल प्रयागराज में रोक दिया तो ये देवी शंकर के मां बाप और बच्चों को लेकर आजाद से मिलने प्रयागराज जा रहे थे, लेकिन सड़क पर हिंसा हो गई. गांव में जगह-जगह आजाद के झंडे लगे हैं.

जाने क्या है पूरा मामला?

मालूम हो कि प्रयागराज के करछना में बीते 29 जून को हिंसा हुई थी. इसका मुख्य कारण आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद चंद्रशेखर आज़ाद को हाउस अरेस्ट करना था. चंद्रशेखर आज़ाद कौशांबी और करछना में हाल की घटनाओं (करछना के ईसौटा गांव में एक दलित युवक की हत्या और लाश जलाने और कौशांबी में एक दलित लड़की के साथ कथित बलात्कार) के पीड़ित परिवारों से मिलने जा रहे थे. इस दौरान प्रशासन ने कानून-व्यवस्था का हवाला देकर उन्हें प्रयागराज सर्किट हाउस में रोक लिया, जिसके बाद उनके समर्थकों ने विरोध शुरू किया.

लगभग 5,000 समर्थकों, (जिनमें भीम आर्मी के कार्यकर्ता शामिल थे) ने करछना इलाके में सड़कों पर प्रदर्शन किया. इस दौरान पुलिस की गाड़ियों, प्राइवेट वाहनों और सरकारी बसों पर पथराव किया गया, आगजनी हुई. इस दौरान पुलिस-पत्रकारों सहित कई लोग घायल हुए. इसके बाद इस हिंसा मामले में पुलिस ने करीब 600 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया और 50 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

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