गोरखपुर: शुक्रवार से सावन के पवित्र माह की शुरुआत हो गई है. सावन के पहले सोमवार शिवालयों में बड़ी संख्या में भक्त भगवान शंकर का जलाभिषेक करेंगे. इसको देखते हुए कावंड़ियों के रूट पर अब वेज (शाकाहारी) और नान वेज (मांसाहारी) एक साथ बेचने वाले ढाबे, रेस्टोरेंट और होटल नहीं चलेंगे. इन्हें या तो वेज भोजन बनाकर बेचना होगा या नानवेज. संचालकों को ढाबे, रेस्टोरेंट या होटल के सामने बड़े बोर्ड पर इसकी सूचना दर्ज करानी होगी, जिससे कांवड़ियों को दूर से ही पूरी जानकारी मिल जाए.
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की टीम भोजन की गुणवत्ता की भी लगातार जांच करेगी. तत्काल रिपोर्ट के लिए वैन भी टीम के साथ चलेगी. विभाग ने पूरे जिले में अलग-अलग टीमों का गठन कर जांच शुरू करा दी है.
शुक्रवार को बड़हलगंज शाही ढाबा एंड फैमिली रेस्टोरेंट की जांच के लिए खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की टीम पहुंची. टीम के सदस्यों ने वेज और नानवेज भोजन के लिए बनाए गए नियम की जानकारी संचालक को दी और बताया कि वेज और नानवेज बनाकर बेचने की व्यवस्था सावन महीने में नहीं चलेगी. संचालक या तो वेज भोजन बनाकर उपलब्ध कराएंगे या नानवेज.
सावन माह में जल लेने के लिए बड़ी संख्या में आते हैं कांवड़िए
मालूम हो कि सावन माह में बड़हलगंज और गोला में सरयू नदी से जल लेने के लिए बड़ी संख्या में कांवड़िए आते हैं. यहां से वह प्रमुख शिव मंदिरों तक पैदल या वाहनों के माध्यम से यात्रा पूरी करते हैं. गोला से उरुवा होते हुए भी गोरखपुर और अन्य प्रमुख स्थानों पर भी कांवड़िए जाते हैं. इस रूट पर भी सभी को जानकारी दी जा रही है.
एक साथ वेज-नानवेज बेचने पर होगी कार्रवाई
सहायक आयुक्त, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन डा. सुधीर सिंह ने बताया कि कांवड़ यात्रा मार्ग पर वेज व नान वेज एक साथ नहीं बेचा जा सकता है. सिर्फ वेज या सिर्फ नानवेज ही मिलेगा. संचालक को इसकी सूचना भी बड़े अक्षरों में दर्ज करानी होगी. यदि निर्देशों के बाद भी कोई एक साथ वेज व नानवेज बनाकर बेचता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.। बोर्ड न लिखवाने वालों पर भी कार्रवाई की जाएगी.